डिप्टी सीएमओ और नोडल अधिकारी डॉ. लईक अहमद अंसारी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने जब मौके पर मौजूद युवक फहीम से क्लिनिक का पंजीकरण प्रमाणपत्र मांगा तो वह कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका।
झोलाछाप डॉक्टरों की पोल खुली, बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था क्लिनिक
क्लिनिक के बाहर लगा था छोटा सा बोर्ड, जिस पर BEMS डॉक्टर का नाम लिखा था। जांच में पाया गया कि मौके पर कोई प्रमाणित चिकित्सक मौजूद नहीं था।किशोरों के द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा था, जो कानूनन पूरी तरह अवैध है।
-क्लिनिक सील, संचालक को नोटिस जारी
डॉ. लईक अंसारी ने बताया, ” यह क्निलिक अवैध रूप से संचालित हो रहा था मौक़े पर इलाज कर रहे युवक के पास कोई वैध चिकित्सा योग्यता या पंजीकरण नही था।क्लिनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है।” स्वास्थ्य विभाग ने क्लिनिक संचालक को दो दिन के भीतर वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई तय है। टीम में मदन लाल (वरिष्ठ लिपिक), मुकेश कुमार, राहुल शर्मा, अन्य स्टाफ उपस्थित थे।