पुलिस के मुताबिक, इन युवकों ने अपने वीडियो से दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने की भी साजिश रची थी। इससे पहले इस मामले में दो आरोपी पहले ही गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं।
बरामद मोबाइल में मिले तमाम वीडियो और चैट्स
आरोपियों की पहचान 23 वर्षीय मोहम्मद जैश रिजवी निवासी असलम कॉलोनी, बैरियर नंबर-2, थाना इज्जतनगर और 20 वर्षीय शानू निवासी मोहल्ला लोधीपुर, थाना बहेड़ी के रूप में हुई है। दोनों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर उनके मोबाइल की जांच की तो हैदरी दल नाम से एक्टिव व्हाट्सएप ग्रुप और इंस्टाग्राम चैनल मिले। इन प्लेटफॉर्म्स पर मुस्लिम युवतियों के पहनावे और उनके मेलजोल पर आपत्तिजनक बातें की जा रही थीं। गिरफ्तार दोनों आरोपियों के पास से तीन मल्टीमीडिया मोबाइल बरामद किए गए हैं, जिनमें वीडियो, चैट्स और ग्रुप्स से जुड़े सबूत मिले हैं। इन्हीं के आधार पर पुलिस ने पहले से दर्ज मुकदमे में इन दोनों को भी आरोपी बनाया है।
ऑनलाइन चंदा भी इकट्ठा करता था जैश
पुलिस की पूछताछ में जैश ने कबूला कि उसे मुफ्ती खालिद ने ‘हैदरी दल’ ग्रुप से जोड़ा था और वही धार्मिक पोस्ट व वीडियो भेजता था। जैश इन पोस्टों को वायरल करने का काम करता था और एक यूआर कोड के जरिए ऑनलाइन चंदा भी इकट्ठा करता था। वहीं शानू ने बताया कि ‘हैदरी दल बरेली’ नाम से इंस्टाग्राम पेज उसी ने बनाया था और वह खुद इसे चलाता था। पुलिस की सख्ती के बाद उसने कई वीडियो डिलीट भी कर दिए थे।
पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं दो साथी
इससे पहले 10 जून को पुलिस ने इसी मामले में समीर रजा और शहवाज रजा उर्फ सूफियान को गिरफ्तार किया था, जो इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड कर रहे थे। गिरफ्तारी में एसओजी, सर्विलांस और कोतवाली पुलिस की टीम शामिल रही। पुलिस का कहना है कि अब इस मामले की तह तक जाकर सभी जुड़े लोगों को कानून के शिकंजे में लिया जाएगा। सोशल मीडिया पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश अब भारी पड़ेगी।