इस महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देने में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) देवयानी की प्रमुख भूमिका का निर्वाहन करेंगी। पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उनके विजन को लेकर प्रशासन ने तेज़ी से कार्य आरंभ कर दिया है।
पुनर्जीवन के लिए हुआ विभागीय समन्वय
नदी को जीवित करने के लिए राजस्व विभाग ने पैमाइश का कार्य शुरू कर दिया है। पुराने नक्शों के आधार पर नाहल नदी के प्रवाह क्षेत्र की निशानदेही की जा रही है। इसके बाद अतिक्रमण हटाकर नदी को पुनः प्रवाहित किया जाएगा। सीडीओ देवयानी के अनुसार, “नाहल नदी मीरगंज क्षेत्र के लिए सिर्फ एक जलधारा नहीं, बल्कि सामाजिक, पारिस्थितिक और आर्थिक जीवन रेखा है। इस नदी को फिर से जीवंत बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है।”
अतिक्रमण हटेगा, पुराना प्रवाह लौटेगा
लभारी, कुल्छा, नौसना और सिंधौली जैसे गांवों में नदी के प्रवाह क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी। टास्क फोर्स की देखरेख में नदी के तल को खोदकर उसका मूल स्वरूप बहाल किया जाएगा।
🌊 रामपुर से मिली प्रेरणा, मीरगंज में नई शुरुआत
रामपुर प्रशासन ने 5 महीने की मेहनत से 51 किमी लंबी नाहल नदी को पुनर्जीवित किया था। अब उसी मॉडल को अपनाते हुए बरेली प्रशासन ने मीरगंज के लिए कार्ययोजना तैयार की है। रामपुर के मिलक क्षेत्र की तरह, मीरगंज में भी यह नदी सिंचाई का एक मजबूत स्रोत बनेगी।
🛶 पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकास, वोटिंग की सुविधा भी
नाहल नदी को केवल पुनर्जीवित ही नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी योजना है। नदी में वोटिंग (नाव विहार) जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराकर स्थानीय लोगों और पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा।
सीडीओ की सक्रियता, डीएम के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा अभियान
इस परियोजना में सीडीओ देवयानी की सक्रियता और योजनाबद्ध कार्यप्रणाली सार्थक प्रयास की संभावना जताई जा रही है । डीएम अविनाश सिंह ने परियोजना की निगरानी के लिए सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।