आरोप है कि नाला सफाई कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार नहीं किया गया। चेतावनी दी गई है कि यदि स्थिति में तत्काल सुधार नहीं हुआ तो इन एजेंसियों का भुगतान रोका जाएगा और उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी।
नाले में जमा मिला फ्लोटिंग मटेरियल, गहराई तक नहीं हुई सफाई
नगर निगम की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, मैसर्स हिमगिरी इंटरप्राइजेज को रेलवे जंक्शन से लेकर पटेल कोनार्क होटल होते हुए सुभाषनगर तक नाले की सफाई की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन सोमवार व मंगलवार को हुई बारिश के बाद जब नगर निगम की टीम ने औचक निरीक्षण किया तो मौके पर फ्लोटिंग मटेरियल जमा मिला। नाले की गहराई तक सफाई नहीं की गई थी। सिर्फ ऊपर-ऊपर की सफाई कर खानापूर्ति की गई थी।
दो अन्य एजेंसियां भी लापरवाह, सफाई श्रमिक भी कम
इसी तरह, मैसर्स सांई कांट्रैक्टर को जोन 3 और 4 में, खुशलोक हॉस्पिटल के पीछे अंबेडकर नगर क्षेत्र में विजय बाल्मीकि के मकान से होते हुए शौचालय तक नाले की सफाई का कार्य सौंपा गया था। वहीं, तीसरी एजेंसी को हजियापुर आश्रम गृह से संजय नगर संपवेल तक सफाई का काम मिला था। तीनों एजेंसियों ने न तो अनुबंध शर्तों के अनुसार कार्य किया और न ही सफाई के लिए पर्याप्त श्रमिकों की तैनाती की। स्वास्थ्य विभाग की आउटसोर्सिंग व्यवस्था के तहत भी सफाई श्रमिकों की संख्या मानकों के अनुरूप नहीं मिली। निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर मजदूर नदारद थे, जबकि मॉनिटरिंग स्टाफ लगातार सफाई कार्य पूरा होने की रिपोर्ट भेजता रहा।
नगर आयुक्त का सख्त रुख
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने कहा: “जो भी एजेंसी अनुबंध की शर्तों के अनुसार काम नहीं कर रही है, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। सभी को नोटिस भेज दिएगए हैं। यदि स्थिति में तत्काल सुधार नहीं हुआ तो संबंधित एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर भुगतान रोक दिया जाएगा। लापरवाही करनेवालों को किसी भी हालत में नहीं बख्शा जाएगा।” नगर आयुक्त ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
नगर निगम प्रशासन ने सभी ठेकेदारों को 48 घंटे का समय दिया है। अगर तय समय में नालों की गहराई तक सफाई नहीं हुई, फ्लोटिंग मटेरियल नहीं हटाया गया और सफाई कर्मचारी पर्याप्त संख्या में नहीं मिले तो नगर निगम अनुबंध समाप्त करने और फर्मों को काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू करेगा।