इन मुकदमों में देश के कई राज्यों के साथ-साथ लंदन, कनाडा, इटली और अन्य देशों में बैठे 400 से ज्यादा कबूतरबाज आरोपियों को नामजद किया गया है। इन पर अवैध रूप से लोगों को विदेश भेजने, धोखाधड़ी और मानव तस्करी जैसे संगीन आरोप लगे हैं।
डंकी रूट के जरिए लाखों की ठगी, पूरनपुर बन चुका था गोरखधंधे का गढ़
आईएलटीएस सेंटर की आड़ में शिक्षा और वीज़ा के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये वसूले गए। युवाओं को अमेरिका, कनाडा, इटली आदि देशों में बेहतर भविष्य का सपना दिखाया गया और फिर डंकी रूट (अवैध रास्तों) के जरिए भेजा गया। दिसंबर 2024 के बाद इस गिरोह की गतिविधियों में जबरदस्त तेजी देखी गई थी।
जुपिटर आईएलटीएस सेंटर पर सबसे ज्यादा 52 केस दर्ज
जिले भर में संचालित आईएलटीएस संस्थानों में सबसे बदनाम नाम जुपिटर का रहा। इस एक संस्थान के खिलाफ कुल 52 मुकदमे दर्ज किए गए। पूरनपुर, गजरौला, घुघचाई, माधोटांडा, अमरिया, जहानाबाद, कोतवाली, सुनगदी और न्यूरिया थानों में कुल 177 मामले दर्ज हुए थे।
एसआईटी की सख्ती के बावजूद फिर से पैर पसार रहे फर्जी सेंटर
इन मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की गई थी, जिसमें कुल छह विवेचक लगाए गए। कार्रवाई के तहत 13 आरोपियों को जेल भेजा गया, जबकि 100 मुकदमों में आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद पूरनपुर इलाके में दोबारा फर्जी कोचिंग सेंटर शुरू होने की सूचना है, जो प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।
एनआईए के मोस्ट वांटेड कुलवीर सिद्धू का भी नाम आया सामने
जांच में सबसे चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब पता चला कि एनआईए का 10 लाख रुपये का इनामी आतंकी कुलवीर सिंह सिद्धू भी कभी पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र में रह चुका था। इसके बाद से पीलीभीत अंतरराष्ट्रीय कबूतरबाजी नेटवर्क के केंद्र के तौर पर सामने आया।
आगे की रणनीति और कार्रवाई की तैयारी
एसपी के निर्देश पर पुलिस अब बचे हुए 77 मुकदमों में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया में जुटी है। साथ ही, फर्जी कोचिंग सेंटरों पर दोबारा शिकंजा कसने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है।