विधवा ने मकान बेचकर दिए रुपये
सुभाषनगर निवासी सीमा शर्मा ने बताया कि वह विधवा हैं और दो बेटों की मां हैं। उनका बड़ा बेटा नीरज शर्मा हाईस्कूल पास है। इज्जतनगर रेलवे में कार्यरत मौसेरे भाई दिलावर सिंह ने भरोसा दिलाया कि वह नीरज को रेलवे में अप्रेंटिस के जरिए नौकरी दिलवा सकता है। 20 दिसंबर 2024 को दिलावर ने सीमा को बरेली बुलाया और 60 हजार रुपये नकद लिए। मुलाकात के दौरान दिलावर का बेटा सचिन उर्फ बाबू और एक युवती मुस्कान भी मौजूद थी। दिलावर ने कहा कि मुस्कान के पिता भी रेलवे में हैं और उनके माध्यम से काम होगा।
खाते में ट्रांसफर कराए लाखों रुपये
इसके बाद सीमा ने सचिन के खाते में 1.87 लाख रुपये और मुस्कान के खाते में 4.30 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए। कुल राशि 6.77 लाख रुपये हो गई। ये पैसे सीमा ने अपना मकान बेचकर जुटाए थे, जिससे परिवार पर पहले से ही आर्थिक दबाव था।
फर्जी दस्तावेज थमाए, फिर बेटे की पिटाई और लूट
जब बार-बार पूछने पर नौकरी नहीं लगी तो आरोपियों ने कहा कि 16 मई 2025 को दिल्ली बुलाकर अप्रेंटिस के दस्तावेज सौंपे जाएंगे। नीरज दिल्ली पहुंचा तो वहां सचिन और मुस्कान ने कुछ कागजात दिए। जब इन दस्तावेजों की सत्यता जांची गई तो वे फर्जी निकले। 24 मई को आरोपियों ने नीरज को गुरुग्राम (हरियाणा) बुलाया, जहां सचिन, मुस्कान और उनके दो अज्ञात साथियों ने नीरज की बुरी तरह पिटाई की। मारपीट के बाद आरोपी उससे फर्जी दस्तावेज छीन लिए और सोने की चेन व अंगूठी भी लूट ली। साथ ही, जान से मारने की धमकी भी दी गई।
-इज्जतनगर थाने में मुकदमा दर्ज
गुरुग्राम पुलिस से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद बरेली लौटकर पीड़ित ने इज्जतनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। एफआईआर में दिलावर सिंह, उसके बेटे सचिन उर्फ बाबू, मुस्कान, उसके पिता, और दो अज्ञात युवकों को नामजद किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर धोखाधड़ी, जालसाजी, मारपीट, धमकी और लूटपाट की धाराओं में जांच शुरू कर दी है।