कैसे अंजाम दी थी वारदात?
सतीश घुमंतू जाति से ताल्लुक रखता है। उसने वर्ष 2009 में अपने गिरोह के 10 साथियों के साथ भोजीपुरा क्षेत्र में डकैती की थी। उस समय दोहना पावर ग्रिड के पास मिट्टी भराई का कार्य चल रहा था, जहां से गिरोह ने चार ट्रैक्टर-ट्राली लूट ली थीं। कुछ समय बाद उदयपुर, थाना देवरनिया क्षेत्र से भी दो ट्रैक्टर-ट्राली लूट ली गई थीं।साथियों की गिरफ्तारी और मौत
आरोपी सतीश ने पूछताछ में बताया कि उसके दो साथी जंडैल और सुजान, जो मध्यप्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले थे, उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।नाम बदलकर बन गया ‘मनीष’, चला रहा था ऑटो
लगातार पुलिस की छापेमारी और गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी से सतीश डरकर फरार हो गया था। उसने नाम और पहचान बदलकर परिवार सहित राजस्थान के अलवर जिले के खेरथल कस्बे में शरण ली। वहां जाट कॉलोनी, वार्ड नंबर 25 आनंद नगर में वह ‘मनीष’ नाम से ऑटो चालक बनकर रह रहा था।एसटीएफ को ऐसे लगी भनक
16 वर्षों की तलाश के बाद STF को सूचना मिली कि फरार इनामी बदमाश राजस्थान के खेरथल में मनीष नाम से छिपकर रह रहा है। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हरसौली फाटक इलाके से आरोपी को धरदबोचा और भोजीपुरा पुलिस को सौंप दिया।– अब्दुल कादिर, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ