Lucknow Covid Update: लखनऊ में बढ़ा कोरोना का खतरा: मिले पांच नए मरीज, देश में मिला नया ‘निमबस’ वेरिएंट
Lucknow Corona Alert: लखनऊ में कोरोना संक्रमण फिर से पैर पसारने लगा है। बुधवार को शहर में पांच नए मरीज सामने आए, जिससे कुल संक्रमितों की संख्या 43 हो गई है। वहीं देश में नया ‘निमबस’ वेरिएंट भी दस्तक दे चुका है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता और सतर्कता दोनों बढ़ गई हैं।
लखनऊ में कोरोना का कहर फिर बढ़ा फोटो सोर्स : Patrika
Cove Variant Update: राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। बीते बुधवार को शहर में कोरोना के पांच नए मरीज सामने आए हैं, जिससे अब तक संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 43 हो चुकी है। वर्तमान में लखनऊ में सक्रिय मामलों की संख्या 20 हो गई है।
नए मामलों में एक महिला और चार पुरुष शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार:
कृष्णा नगर निवासी 54 वर्षीय महिला
दिलकुशा निवासी 81 वर्षीय पुरुष
राणा प्रताप मार्ग निवासी 75 वर्षीय पुरुष
न्यू हैदराबाद निवासी 55 वर्षीय पुरुष
हजरतगंज निवासी 27 वर्षीय पुरुष
इनमें किसी की भी ट्रेवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संक्रमण स्थानीय स्तर पर ही फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों के परिजनों के सैंपल लेकर जांच में जुटी हुई है। सभी संक्रमितों को फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा गया है और उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है।
लखनऊ में बढ़ते मामलों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ सप्ताहों में संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह संक्रमण की संभावित नई लहर की ओर इशारा करता है। आम नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे मास्क पहनें, भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें और जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलें।
भारत में मिला नया वेरिएंट ‘निमबस’
इसी बीच देश के लिए और भी चिंता की बात यह है कि कोरोना का एक नया वेरिएंट ‘निमबस’ (NB.1.8.1) भारत में पाया गया है। पुणे और चेन्नई में इसके दो मरीजों की पुष्टि हुई है। यह वही वेरिएंट है, जिसने सिंगापुर और हांगकांग में हाल ही में संक्रमण की एक नई लहर शुरू की थी। पुणे स्थित आईसीएमआर-एनआईवी (राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान) ने जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए इसकी पुष्टि की है।
निमबस वेरिएंट ओमिक्रॉन के जेएन.1.16 स्वरूप से विकसित हुआ है।
इसे एक्सएफजी (एसएफ.7 और एलपी.81.2) नामक पुनः संयोजित स्वरूप ने पीछे छोड़ दिया है।
इसके संक्रमण के लक्षण मध्यम स्तर के हैं।
फिलहाल, यह अधिक खतरनाक प्रतीत नहीं हो रहा है।
आईसीएमआर-एनआईवी पुणे के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने जानकारी दी है कि वर्तमान समय में यह वेरिएंट चिंता का विषय नहीं है, लेकिन निगरानी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भारत में अप्रैल 2025 के दूसरे सप्ताह से संक्रमण में आई तेजी के पीछे जेएन.1.16 सक्रिय था, जिसे अब यह नया वेरिएंट प्रतिस्थापित कर रहा है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लखनऊ के सभी प्रमुख अस्पतालों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। टेस्टिंग और ट्रैकिंग पर फिर से जोर दिया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड टेस्टिंग की सुविधा शुरू की गई है। जिला प्रशासन की ओर से एक बार फिर से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
लखनऊ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि बुखार, जुकाम या सांस लेने में तकलीफ के लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच कराएं। बिना जरूरत के भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। मास्क पहनना और हाथों की सफाई नियमित रूप से करते रहें। कोविड हेल्पलाइन नंबरों पर लक्षणों की जानकारी दें और जांच करवाएं।
लखनऊ में कोरोना की वापसी और देश में निमबस वेरिएंट की मौजूदगी इस ओर संकेत करती है कि खतरा अभी टला नहीं है। भले ही फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अगर लापरवाही बरती गई, तो यह संक्रमण फिर विकराल रूप ले सकता है। इस समय सतर्कता और सहयोग ही संक्रमण पर नियंत्रण का सबसे कारगर उपाय है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ-साथ नागरिकों की जिम्मेदारी भी उतनी ही आवश्यक है। यदि सभी सावधानियों का पालन किया जाए, तो इस संक्रमण की संभावित नई लहर को रोका जा सकता है।
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