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प्राइवेट कर्मचारियों से कराई जा रही नगर निगम की दुकानों की नापजोख, पार्षद बोले- बढ़ रही गड़बड़ियों की आशंका

नगर निगम की दुकानों की पैमाइश को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। निगम प्रशासन द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों से दुकानों की मापजोख कराए जाने पर पार्षदों ने कड़ा ऐतराज जताया है। पार्षदों का आरोप है कि यह कार्य सरकारी अधिकारियों के जिम्मे होना चाहिए था, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर यह काम निजी हाथों में सौंप दिया गया है, जिससे गड़बड़ियों की आशंका बढ़ गई है।

बरेलीJun 28, 2025 / 06:53 pm

Avanish Pandey

प्राइवेट कर्मचारी कर रहे नगर निगम की दुकानों की नापजोख (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। नगर निगम की दुकानों की पैमाइश को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। निगम प्रशासन द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों से दुकानों की मापजोख कराए जाने पर पार्षदों ने कड़ा ऐतराज जताया है। पार्षदों का आरोप है कि यह कार्य सरकारी अधिकारियों के जिम्मे होना चाहिए था, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर यह काम निजी हाथों में सौंप दिया गया है, जिससे गड़बड़ियों की आशंका बढ़ गई है।

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पार्षद राजेश अग्रवाल ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि स्वकर (प्रॉपर्टी टैक्स) फार्म की जांच के नाम पर टैक्स कलेक्टर (टीसी) और टैक्स सुपरवाइजर (टीएस) तो लगे ही हैं, साथ में आउटसोर्सिंग से जुड़े कर्मचारी भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं। उनका आरोप है कि इन कर्मचारियों की मदद से आम लोगों का शोषण हो रहा है।

जानबूझकर लटकाई जा रही जांच प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया जानबूझकर दो-दो महीने तक लटकाई जा रही है, जिससे करदाताओं को समय पर छूट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पार्षद ने कहा कि टैक्स विभाग पुराने बिलों के संशोधन में भी कोई रुचि नहीं दिखा रहा है। राजेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि नगर निगम की दुकानों के किराया निर्धारण और नामांतरण की प्रक्रिया में भी भारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मनमानी कार्रवाई के चलते निगम की आय घटने की पूरी संभावना बन रही है।

मेयर और नगर आयुक्त तक पहुंचा मामला

पार्षद ने इस पूरे मामले में नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्राइवेट कर्मचारियों से करवाए जा रहे काम से न सिर्फ पारदर्शिता खत्म हो रही है, बल्कि सदन की छवि भी धूमिल हो रही है। उन्होंने मेयर डॉ उमेश गौतम और नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य को इस संबंध में पत्र सौंपते हुए पूरे मामले को बोर्ड की आगामी सामान्य बैठक में उठाने की बात कही है।

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