शनिवार दोपहर लगभग 3:10 बजे संयंत्र परिसर में अचानक तीव्र और धीमी आवाज में सायरन गूंजने लगा। उसी समय सूचना आई कि संयंत्र में अमोनिया गैस का रिसाव हो गया है। अलर्ट मिलते ही वरिष्ठ महाप्रबंधक सत्यजीत प्रधान ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया।
फायर टीम से लेकर अस्पताल तक मुस्तैद
ड्रिल के दौरान संयंत्र की अग्निशमन टीम, सुरक्षा बल, एंबुलेंस और मेडिकल यूनिट तुरंत सक्रिय हो गईं। अनुरक्षण टीम ने रिसाव स्थल को चिन्हित कर लीकेज कंट्रोल की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान स्टोरेज टैंक के पास कार्यरत कुछ कर्मचारी गैस की चपेट में आ गए, जिन्हें तत्काल संयंत्र अस्पताल ले जाया गया। गैस की चपेट में आए एक कर्मचारी जयपाल की हालत गंभीर होने पर उसे बरेली जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जबकि अन्य कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
मॉक ड्रिल के बाद समीक्षा बैठक
ड्रिल के समापन पर संयंत्र के फायर सेफ्टी भवन में एक समीक्षा बैठक हुई, जिसमें संयंत्र प्रबंधन और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में ड्रिल की कार्यप्रणाली और आपदा से निपटने की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा की गई। वरिष्ठ महाप्रबंधक सत्यजीत प्रधान ने बताया कि संयंत्र में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आधुनिक उपकरण, अनुभवी स्टाफ और पूरी स्वास्थ्य व अग्निशमन व्यवस्था मौजूद है। ऐसी मॉक ड्रिल समय-समय पर आयोजित की जाती हैं ताकि हम हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।