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बरेली

1.50 करोड़ की खेप के साथ तीन गिरफ्तार, नेपाल से खरीदकर दिल्ली, बरेली और उत्तराखंड में करते थे सप्लाई, कोडवर्ड में होती थी बातचीत

बारादरी पुलिस ने मादक पदार्थों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार रात बड़ी कामयाबी हासिल की। पुलिस टीम ने 99 बीघा ग्राउंड के पास से 1.439 किलोग्राम स्मैक और 552 ग्राम चरस/सुल्फा के साथ तीन शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है। बरामद नशे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1 करोड़ 50 लाख रुपये आंकी गई है। तस्करी में प्रयुक्त एक काली रंग की टीवीएस स्पोर्ट्स मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है।

बरेलीJun 22, 2025 / 06:47 pm

Avanish Pandey

बरेली। बारादरी पुलिस ने मादक पदार्थों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार रात बड़ी कामयाबी हासिल की। पुलिस टीम ने 99 बीघा ग्राउंड के पास से 1.439 किलोग्राम स्मैक और 552 ग्राम चरस/सुल्फा के साथ तीन शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है। बरामद नशे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1 करोड़ 50 लाख रुपये आंकी गई है। तस्करी में प्रयुक्त एक काली रंग की टीवीएस स्पोर्ट्स मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है।

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पुलिस टीम को देखकर भागने लगे तस्कर

पुलिस टीम रात्रि गश्त के दौरान 99 बीघा ग्राउंड के पास पहुंची, जहां मोटरसाइकिल के पास तीन संदिग्ध युवक खड़े थे। पुलिस द्वारा रुकने का इशारा करने पर तीनों युवक मोटरसाइकिल छोड़कर अंधेरे में भागने लगे। टीम ने घेराबंदी कर तीनों को पकड़ लिया। पूछताछ में उनकी पहचान बिथरी चैनपुर के भिंडोलिया निवासी 40 वर्षीय फारुख व 25 वर्षीय शकील पुत्रगण अनीस और सीबीगंज के लेबर कॉलोनी निवासी 50 वर्षीय मसूद हुसैन पुत्र मकबूल हुसैन के रूप में हुई।

तलाशी में भारी मात्रा में माल बरामद

पकड़े गए आरोपियों की तलाशी में उनके कब्जे से 1.439 किलोग्राम स्मैक और 552 ग्राम चरस/सुल्फा बरामद हुई। पुलिस ने बताया कि इन तीनों के खिलाफ थाना बारादरी में केस दर्ज किया गया है। बरामद नशे की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बताई जा रही है।

नेपाल से आता था माल, व्हाट्सएप कॉल और कोडवर्ड में होती थी बातचीत

पूछताछ में अभियुक्तों ने खुलासा किया कि यह नशीला माल अफजाल नामक व्यक्ति का है, जो अपने बेटे बिलाल और दोस्त रिजवान के साथ नेपाल जाकर वहां के वीरजी नामक व्यक्ति से माल लेकर आता है। माल रोडवेज बसों के जरिए भारत लाया जाता है और फिर बरेली, दिल्ली, रामपुर और उत्तराखंड तक सप्लाई किया जाता है। आरोपियों ने बताया कि आपसी बातचीत व्हाट्सएप कॉलिंग और कोडवर्ड के जरिए होती थी। स्मैक को ग्रीन लेवल, चरस व सुल्फा को ब्लैक डॉग कहा जाता था। मात्रा बताने के लिए सी कोड का प्रयोग होता था। जैसे सी 10 का मतलब 1 किलो और सी/1 का मतलब 50 ग्राम होता था। ग्राहकों के मोबाइल नंबर भी कोडवर्ड में सेव किए जाते थे। जैसे बदायूं के ग्राहक को 2424 नाम से फीड किया जाता।

किराये के टैम्पो से होती थी सप्लाई

फारुख टैम्पो चालक है और नशे की सप्लाई टैम्पो के जरिए करता था ताकि किसी को शक न हो। दिखावे के लिए टैम्पो में सवारी भी बैठा ली जाती थी। यह माल एक किराये के कमरे में ले जाया जाना था जहां से डिलीवरी होनी थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने तीनों को दबोच लिया।

मुख्य आरोपी अफजाल समेत तीन फरार

इस मामले में मुख्य सरगना अफजाल, उसका बेटा बिलाल और उसका साथी रिजवान अभी फरार हैं। फरार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने टीमें गठित कर दी हैं। साथ ही नेपाल से जुड़े इस नेटवर्क की जांच के लिए एक अलग टीम लगाई गई है, जो यह पता लगाएगी कि तस्करी के लिए कौन सा रास्ता इस्तेमाल होता है।

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम

बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय, चौकी प्रभारी सनी चौधरी, उपनिरीक्षक जगत सिंह, मोहित भारद्वाज, हेड कांस्टेबल आशीष कुमार, धर्मेंद्र सिंह, विनीत कुमार और कांस्टेबल आदित्य प्रताप सिंह, राजू व यश गौड़ शामिल रहे।

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