ये है राजस्थान का ‘खूनी’ ब्लैक स्पॉट, 3 साल में ले चुका है 17 लोगों की जान, फिर हुआ भीषण सड़क हादसा
Rajasthan Road Accident: हादसा इतना भीषण था कि कार का आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। साथ ही धमाके की गूंज इतनी तेज थी कि सुनते ही लोग दौड़ कर पहुंचे ।
बाड़मेर-अहमदाबाद सड़क मार्ग पर कुशल वाटिका के पास सड़क हादसे में दो जनों की मौत हो गई। एक महिला गंभीर घायल है। सदर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्यवाही की। यह हादसा कुशल वाटिका के पास ब्लैक स्पॉट पर हुआ है। जहां पहले भी 15 लोगों की जान जा चुकी है और 50 से अधिक घायल हुए हैं। पुलिस व प्रशासन के लाख दावों के बावजूद ब्लैक स्पॉट को खत्म नहीं किया जा रहा है।
सदर थाना पुलिस के उप निरीक्षक ओमप्रकाश चौहान ने बताया कि अहमदाबाद हाइवे पर कुशल वाटिका के पास एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे के दौरान कार में सवार विल्सन गोनसाबे निवासी पालघर महाराष्ट्र व निखिल दुबे पुत्र प्रेमकुमार निवासी उत्तरप्रदेश की मौत हो गई।
इसके साथ कार में सवार कंचन सोनी पुत्री भूपेंद्रकुमार निवासी अहमदाबाद गंभीर घायल हो गई। उसे प्राथमिक उपचार के बाद रैफर किया। पुलिस ने मृतकों के शव बाड़मेर के राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम हुआ। सूचना मिलने पर एसपी नरेंद्रसिंह मीना भी घटनास्थल पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी जुटाई।
कंपनी के यार्ड जा रहे थे तीनों
पुलिस ने बताया कि कार में सवार तीनों तेल क्षेत्र में काम कर रही एक कंपनी में काम करते हैं। कार में सवार होकर यार्ड जा रहे थे। बीच रास्ते में कुशल वाटिका के पास अचानक ट्रक के पीछे कार घुस गई। हादसा इतना भीषण था कि कार का आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। साथ ही धमाके की गूंज इतनी तेज थी कि सुनते ही लोग दौड़ कर पहुंचे ।
केन्द्रीय मंत्री के दावा..पर यहां नहीं खरा
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कह चुके है कि अगर कोई ब्लैक स्पॉट है तो उसे खत्म किया जाएं। भले ही 50 करोड़ रुपए क्यों न खर्च हों। इसके बावजूद बाड़मेर का यह कुशल वाटिका ब्लैक स्पॉट खत्म नहीं किया हो रहा है। यहां दिनों-दिन हादसे बढ़ रहे हैं। एनएचआइ ने विशेषज्ञों से रॉय लेकर रिपोर्ट तो जरुर तैयार की थी, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।
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पत्रिका पड़ताल : ब्लैक स्पॉट आखिर कब तक लेगा लोगों की जान
बाड़मेर जिले में छह ब्लैक स्पॉट नेशनल हाइवे पर है। इसमें सबसे खतरनाक कुशल वाटिका के पास है। तीन साल में यहां 5 सड़क हादसे हुए और 15 लोगों की जान गई है। इसके बावजूद इसे खत्म करने के लिए एनएचआइ के प्रयास नाकाम रहे है।