scriptBarmer News: बाड़मेर में 1100 मेगावाट के नए पावर प्लांट के लिए कोयले की ‘जंग’, जानिए क्या है पूरा मामला | Coal required for 1100 MW new power plant in Barmer | Patrika News
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Barmer News: बाड़मेर में 1100 मेगावाट के नए पावर प्लांट के लिए कोयले की ‘जंग’, जानिए क्या है पूरा मामला

बाड़मेर में कपूरड़ी और जालीपा की खानों में अच्छा कोयला प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। हालांकि इस कोयले को राजवेस्ट पावर प्राजेक्ट के लिए तीस साल के लिए रिजर्व कर दिया गया है।

बाड़मेरMar 02, 2025 / 02:58 pm

Rakesh Mishra

coal
राजस्थान सरकार ने दो साल पहले बाड़मेर में लिग्नाइट आधारित 1100 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने की घोषणा तो कर दी, लेकिन कोयले को लेकर जद्दोहद छिड़ गई है। साउथ वेस्ट माइनिंग के पास में कोयला है, जिसे राजवेस्ट पावर प्रोजेक्ट को दिया जा रहा है।
इस कोयले को कंपनी कहीं और नहीं देने के लिए प्रयास में है और इधर यह कोयला नहीं मिला तो नए पावर प्लांट का हाल भी गिरल की 125-125 मेगावाट की दो इकाइयों जैसा न हो जाए, यह फिक्र पहले से सताने लगी है। कोयले की जद्दोजहद में सरकार की घोषणा फंस गई है।
बाड़मेर में कपूरड़ी और जालीपा की खानों में अच्छा कोयला प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इस कोयले को राजवेस्ट पावर प्राजेक्ट के लिए तीस साल के लिए रिजर्व कर दिया गया है, हालांकि कोयले की प्रचुरता इतनी है कि राजवेस्ट पॉवर प्लांट की 1080 मेगावाट की मौजूदा इकाइयों को कोयला तीस साल तक दे दिया जाए तो भी काफी अधिशेष रहेगा। इससे न केवल गिरल की दोनों इकाइयां चल सकती है, 1100 मेगावाट का नया प्लांट भी संचालित हो सकेगा।

नया प्रोजेक्ट खुद लगाने प्रस्ताव

यहां पेच यह फंसा हुआ है कि 660 मेगावाट की नई इकाई लगाने का एक प्रस्ताव राजवेस्ट पावर प्रोजेक्ट की ओर से पूर्व में भेजा जा चुका है, जो स्वीकृत नहीं हुआ है। कपूरड़ी-जालीपा का अच्छा कोयला इसका बड़ा आधार है। ऐसे में इस कोयले को अधिक रिजर्व रखा जा रहा है।

सरकार अब तैयारी में

राज्य सरकार अब 1100 मेगावाट इकाई की घोषणा के अलावा गिरल पावर प्रोजेक्ट का पुन: संचालन चाहती है। बिजली संकट के दौर में राज्य सरकार के लिए जरूरी हो गया हो गया है कि तमाम विकल्प खुले रखे जाए।
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सोलर का भी प्रस्ताव

गिरल पावर प्रोजेक्ट के क्षेत्र में लिग्नाइट के साथ सोलर प्रोजेक्ट का भी प्रस्ताव राज्य सरकार ने लिया है। ऐसे में अब यहां कोयल और सूरज दोनों स्रोत से बिजली बनाने का बड़ा प्रोजेक्ट प्रारंभ करने की तैयारियां है।

सरकार की कमेटी ने कर दी सिफारिश

राज्य सरकार ने दिसंबर माह में एक कमेटी का गठन किया था, जिसने इस बात की ताईद कर दी कि प्रचुर मात्रा में कोयला है। यह कोयला गिरल और नई इकाई के लिए उपलब्ध हो सकता है। अधिशेष कोयला देकर बंद पड़ी इकाइयों को पुन: प्रारंभ करने के साथ ही 1100 मेगावाट की नई इकाई भी संचालित हो सकती है।

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