जिला मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में सांसद बेनीवाल ने कहा कि कई निजी कंपनियां जो यहां सोलर और विंड प्रोजेक्ट चला रही हैं, प्रभावित ग्रामीणों को उचित मुआवजा नहीं दे रहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कंपनियों से जुड़े रिटायर्ड अधिकारी ग्रामीणों पर धौंस जमाते हैं और प्रशासनिक अधिकारी, खासकर SDM स्तर के अफसर, कंपनियों के ‘मुनीम’ की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
‘प्रशासन को जनता का पक्ष लेना होगा’
सांसद ने कलेक्टर से आग्रह किया कि ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए जो कंपनियों का पक्ष लेकर आम जनता के साथ अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन निष्पक्षता नहीं बरतेगा तो जनता का आक्रोश और भी विकराल हो सकता है। कलेक्टर टीना डाबी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाएगा।
‘सरकारी जमीन भी नहीं हो रही खाली
बैठक में कुछ ग्रामीणों ने भी अधिकारियों पर सरकारी जमीन खाली नहीं करवाने और ग्रामीणों पर अवांछित दबाव बनाने के आरोप लगाए। उनका कहना था कि निजी कंपनियां प्रशासनिक सहायता से जमीन पर कब्जा कर रही हैं, जबकि ग्रामीणों को न्याय और मुआवजा दोनों से वंचित रखा जा रहा है।
मनिहारी गांव में पुलिस-ग्रामीण झड़प
यह विवाद उस समय और गंभीर हो गया, जब 17 मई को शिव क्षेत्र के मनिहारी गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प दिख रही है, जिसमें एक महिला को हिरासत में लिया गया। इसके विरोध में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने थाने का घेराव किया और सैकड़ों ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। विधायक ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह निजी कंपनियों के दबाव में काम कर रही है, और मुआवजा दिए बिना किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और सभी प्रभावितों को पूरा मुआवजा मिले।