भारत आए वीजा पर लौटना नहीं चाहत
बाघा बॉर्डर से भारत आए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के जोधपुर में बसे परिवारों में से कई अब वीजा अवधि समाप्त होने पर लौटना नहीं चाह रहे है। शरणार्थी परिवार यहां बसकर अपने शेष जिंदगी बिताना चाह रहे है।थार बंद होने से आना बंद
सिंध इलाके के लोगों के लिए थार एक्सप्रेस बहुत बड़ा जरिया रही लेकिन थार एक्सप्रेस को बंद कर दिया। पुलवामा हमले के बाद 2018 में बंद हुई थार एक्सप्रेस के पुन: नहीं चलने से सिंध में अत्याचार सह रहे गरीब परिवारों के पास धर्मांतरण करवाना ही एक मात्र जरिया बचने लगा है। इसमें सर्वाधिक दलित परिवार परेशान है।बांग्लादेश में अत्याचार बढ़े तो पाकिस्तान में भी
बांग्लादेश में इस साल हिन्दूओं पर 2200 अत्याचार के मामले सामने आए है। इसके बाद पाकिस्तान में भी अत्याचार का अपंजीकृत आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कश्मीर में व्यापारी परिवार भारत न आने की स्थिति में अब दुबई में कारोबार प्रारंभ कर वहां बसना शुरू हुए है।केस-01
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहिमयार खान जिले में तीन हिंदू युवकों का अपहरण कर लिया गया। पुलिस भी इन परिवारों को तब तक परेशान करती रही जब तक मानवाधिकार के संगठन इनके पक्ष में खड़े नहीं हुए। इस मामले में परिवार के सदस्यों की रिहाई के लिए हिन्दूओं अपहरण किया गया।केस-02
अमरकोट में मदरसों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है। दीनी तालीम की बजाय यहां पर अब धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा है। इसमें विशेषकर दलितों व पिछड़े तबके पर धर्म बदलने का दबाव है।केस-03
संघार में एक छह साल की बच्ची का अपहरण होने के बाद परिवार के सदस्य कई बार इल्तिजा कर चुके लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई है। थके हारे परिवारजनों का रो-रोकर ही बुरा हाल है।वर्ष बांग्लादेश पाकिस्तान
- 2022-47- 241
- 2023- 302- 103
- 2024- 2200- 112
दो प्रतिशत ही बचे है
पाकिस्तान में हिन्दू दो प्रतिशत ही बचे है। बचे हुए लोगों के लिए अब सुरक्षा का प्रबंध हों इसके लिए वे भारत की तरफ ही देखते है। थार एक्सप्रेस प्रारंभ हों तो सिंंध से बड़ी संख्या में लोग यहां रिश्तेदारों से मिलने आ सकते है।– बाबूदान चारण, अध्यक्ष ढाटपारकर सोसायटी