क्या कहता है कानून?
पीड़िता के माता-पिता, वकील और सीबीआई पहले ही संजय के लिए फांसी की सज़ा की मांग कर चुके हैं। सोमवार को इस बात का फैसला होगा कि संजय को क्या सज़ा मिलेगी। हालांकि यह जानना भी ज़रूरी है कि इस मामले में कानून क्या कहता है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66, और 103/1 के तहत सज़ा के प्रावधान इस प्रकार हैं..◉ धारा 64 के तहत रेप के मामले में कम से कम 10 साल की जेल हो सकती है। यह सज़ा आजीवन कारावास में भी बदली जा सकती है।
◉ धारा 103/1 के तहत हत्या के मामले में सज़ा-ए-मौत या उम्रकैद की सज़ा हो सकती है। इसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
◉ धारा 66 के तहत जुर्माना न देने पर सज़ा का प्रावधान है।
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल 8 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में हुई इस घटना ने पूरे देश के लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया था। 8 अगस्त की रात को हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के तौर पर काम करने वाली 31 साल की महिला की संजय ने रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी थी। 9 अगस्त की सुबह महिला का शव हॉस्पिटल में ही मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से रेप की पुष्टि हुई थी। इस घटना के बाद कोलकाता में प्रदर्शन शुरू हो गए थे और दो महीने से भी ज़्यादा समय तक राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। देशभर में लोगों ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन किए।संजय का दावा, उसे गलत फंसाया
दोषी पाए जानें पर आरोपी संजय ने यह दावा किया कि उसे गलत फंसाया गया है। संजय ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया है और मामले के असली आरोपियों को छोड़ा जा रहा है। संजय के अनुसार इस मामले में एक IPS ऑफिसर भी शामिल है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान यह बात भी साफ आई कि राज्य सरकार आरोपियों को बचाने के लिए सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रही थी।जानिए इस मामले की टाइमलाइन
2024:-8 अगस्त: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का हुआ रेप और फिर हुई हत्या। 9 अगस्त: हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई।
10 अगस्त: कोलकाता पुलिस ने आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को हिरासत में ले लिया। यह वह समय था जब पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों द्वारा पहली बार विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।
12 अगस्त: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को मामले को सुलझाने के लिए सात दिन की समय-सीमा दी और कहा कि अन्यथा वह इस मामले को सीबीआई को सौंप देंगी। इस बीच, आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने विरोध के बीच पद छोड़ दिया।
13 अगस्त: कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और मामले को ‘बेहद वीभत्स’ बताया। कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया। एनएचआरसी ने भी मामले का संज्ञान लिया। आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने अन्य आरोपियों को हिरासत में ले लिया।
14 अगस्त: मामले की जांच के लिए 25 सदस्यों वाली सीबीआई टीम का गठन किया गया। साथ ही एक फोरेंसिक टीम भी बनाई गई। इस बीच, ममता बनर्जी ने विरोध रैली निकालने की घोषणा की। सैकड़ों छात्रों, लोगों और सामाजिक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
15 अगस्त: भीड़ ने आरजी कर अस्पताल में घुसकर आपातकालीन विभाग और नर्सिंग स्टेशन में तोड़फोड़ की। आईएमए ने 24 घंटे के लिए देशभर में सेवाएं बंद करने का आह्वान किया।
16 अगस्त: पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोप में 19 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।
18 अगस्त: घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 20 अगस्त को तय की।
19 अगस्त: सीबीआई ने संदीप घोष से पूछताछ की। जांच एजेंसी को आरोपी पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दी गई और कोर्ट ने इसे पास कर दिया।
20 अगस्त: तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।
21 अगस्त: केंद्र सरकार ने केंद्रीय बलों को आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा संभालने का निर्देश दिया। इस बीच, कोलकाता पुलिस ने तोड़फोड़ के मामले में तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। मुख्य आरोपी के साथ-साथ छह अन्य पर लाई डिटेक्शन टेस्ट किए गए।
25 अगस्त: सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, पूर्व एमएसवीपी संजय वशिष्ठ और 13 अन्य के आवास पर छापा मारा।
26 अगस्त: पश्चिम बंगाल छात्र समाज ने 27 अगस्त को नबन्ना अभियान मार्च की घोषणा की और पश्चिम बंगाल की सीएम का इस्तीफा मांगा।
2 सितंबर: संदीप घोष को 2 सितंबर को आरजी कर हॉस्पिटल में वित्तीय धोखाधड़ी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।
14 सितंबर: सीबीआई ने संदीप घोष और बलात्कार और हत्या मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी और सबूत गायब होने के आरोप में कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया।
3 अक्टूबर: पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए कोलकाता में डब्ल्यूबीजेडीएफ के डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठे और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई मांगें भी कीं।
7 अक्टूबर: रेप और मर्डर मामले में आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की।
21 अक्टूबर: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ लंबे समय से लंबित बैठक के बाद, डब्ल्यूबीजेडीएफ ने अपनी 17 दिन की भूख हड़ताल खत्म कर दी।
4 नवंबर: सियालदह कोर्ट में एकमात्र चार्जशीटेड आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने आरोप तय किए।
11 नवंबर: सियालदह कोर्ट में आरजी कर रेप और हत्या मामले में ट्रायल शुरू हुआ।
12 नवंबर: चार्जशीट दाखिल करने में देरी के कारण रेप और मर्डर मामले में अभिजीत मंडल और संदीप घोष सहित आरोपियों को जमानत मिल गई।इस मामले में बंद कमरे में सुनवाई 12 नवंबर को ही शुरू हुई।
29 नवंबर: सीबीआई ने आरजी कर वित्तीय अनियमितताओं के मामले में 125 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की जिसमें पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम शामिल था।
2025:-
18 जनवरी: सियालदह सेशन कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया।
20 जनवरी: संजय रॉय को सज़ा सुनाई जाएगी।