जिला कलक्टर सुशील यादव ने बताया कि दिसम्बर में सीकर जिले से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना शुरु की थी। फरवरी से पूरे प्रदेश में योजना कार्य किया जाएगा। इसमें चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैंप आयोजित किए जाएंगे। किसानों को एग्रीस्टैक कृषि से जोड़ा जाएगा। इससे कोई भी किसान सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहे।
एग्रीस्टैक योजना का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत , विशिष्ट सलाह ,बाजारों तक अधिक सूचित, सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है। इसके अंतर्गत डिजिटल रूप में क्रॉप सर्वे, फार्मर रजिस्ट्री भू-संदर्भित नक्शे का डेटाबेस निर्माण कर प्रत्येक किसान को विशिष्ट आइडी प्रदान की जाएगी।
तैयार किया जाएगा डाटाबेस
एग्रीस्टैंक योजना में किसान का नाम, पिता का नाम, उसके स्वामित्व वाले खेत का खसरा नम्बर, उसके हिस्से वाले खेत का खसरा नम्बर, मोबाइल नम्बर , आधार नम्बर को एकत्र कर एक कम्पलीट डाटाबेस तैयार किया जाएगा। डाटाबेस तैयार होने के बाद पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त आसानी से मिलना, फसल बीमा का लाभ, खराबे की स्थिति में किसानों का चिन्हीकरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए किसानों का स्वत: रजिस्ट्रेशन होगा। अन्य योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें बार-बार सत्यापन रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। फरवरी में आयोजित शिविरों में दस्तावेज के आधार पर किसानों को वहीं पर 11 अंक की यूनिक आईडी दी जाएगी। पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं का रजिस्ट्रेशन ,लाभ भी इन शिविरों में मिलेगा। बालोतरा जिले में भी प्रत्येक पंचायत पर शिविर लगाकर किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।