सरहदी बाड़मेर जिला रोडवेज, रेल सुविधा की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। जिले के कुछ बड़े कस्बों तक ही रोडवेज बसें संचालित होती है। इससे हर दिन सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीण निजी बसों में महंगा किराया देकर इनमें सफर करने को मजबूर है। निजी बस संचालकों के मनमाने रवैये को लेकर इन्हें कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती है। रोडवेज के कम किराया, सुरक्षित सफर, योजनाओं के लाभ को लेकर कई वर्ष से ग्रामीण सरकार, जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसें संचालित करने की मांग कर रहे हैं।
सात ग्रामीण मार्गों पर संचालित होगी रोडवेज अनुबंधित बसें
ग्रामीणों की मांग पर सरकार के निर्देश पर रोडवेज मुख्यालय जयपुर ने ग्रामीण पथ परिवहन योजना प्रारंभ की। जिले के 17 ग्रामीण मार्गों पर मांगें आवेदन पर रोडवेज ने बाड़मेर से फलसुंड, राजाबेरा, जाटावास, तालसर, नवाबेरा, बेडिया, गुड़ामालानी, सिणधरी के लिए टेंडर जारी किए हैं। इससे फलसुंड की 11, राजाबेरा की 33, तालसर की 19, नवाबेरा की 19, बेडिया की 18, गुड़ामालानी की 11, सिणधरी की 15 ग्राम पंचायतें व इनके सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीण लाभवान्वित होंगे। यात्रियों को रोडवेज की ओर से संचालित सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। अनुबंध पर 1 अप्रेल 2021 मॉडल की बीएस-6 मानक की बसें लगाई जाएगी। जो सफर के लिए आरामदायक होगी। योजना के तहत जिला बाड़मेर के सात ग्रामीण मार्गों पर टेंडर जारी किए गए हैं। विभागीय जरूरी कार्रवाई के बाद शीघ्र ही बसों का संचालन प्रारंभ करवाया जाएगा। इससे जिले के सैकड़ों गांवों के ग्रामीणों को अच्छी सुविधा मिलेगी। यात्रियों को रोडवेज की ओर से देय सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। अन्य ग्रामीण मार्गों पर रोडवेज बसों के संचालन को लेकर प्रयास जारी है।
ओमप्रकाश पूनिया, मुख्य प्रबंधक रोडवेज बाड़मेर