पारंपरिक पौषाक में दिखेंगे शिक्षक और स्टूडेंट्स
इस दिन शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को राजस्थान की पारंपरिक पौषाक पहनना, भाषण, कविता, राज्य की स्थानीय भाषा में परिचय दिलवाना इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जिससे विद्यार्थियों को राज्य के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और विविधता को समझने और सराहने का अवसर मिलेगा। यह गतिविधि विद्यार्थियों को राजस्थान की लोक परंपराओं से जुड़ने व अनुभव करने का अवसर प्रदान करेंगी।राजस्थान में 40 की जगह 10 हजार पदों पर ही निकली शिक्षक भर्ती, ऐसे में क्या करें नौकरी की आस लगाए बैठे बेरोजगार?
ये होंगे कार्यक्रम
-शिक्षक और विद्यार्थी राजस्थान की पारंपरिक पोशाक पहनकर आएंगे। जिसमें शिक्षिका कुर्ता, बंधेज साडी, घाघरा,राजपूती पोशाक व शिक्षक साफा, धोती-कुर्ता, पाजामा, अंगरेखा इत्यादि पहन सकते हैं।-विद्यालय में भाषण ,कविता व वाचन गतिविधियाँ आयोजित होगी। विद्यार्थी राजस्थानी भाषा में भाषण, कविता या राजस्थानी कवियों/फिल्मों के गीतों की प्रस्तुति देंगे। विद्यार्थियों को शिक्षक राजस्थानी भाषा के शब्दों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
-राजस्थानी भाषा के सबन्ध में सत्र आयोजन होगा जिसमें शिक्षक विद्यार्थियों को सरल राजस्थानी शब्दों, वाक्यांशों और अभिवादन से परिचित करवाने के साथ के राज्य की स्थानीय बोलियों को बढ़ावा देने का एक मनोरंजक तरीका होगा।