Water Harvesting in Barmer: पानी के लिए संघर्ष करने वाले बाड़मेर जिले को जब पानी के संरक्षण के अवसर मिला तो देश में रेकार्ड कायम कर लिया। 43283 वाटर हार्वेस्टिंग बनाए गए है। प्रदेश में बने कुल 83694 के करीब आधे बाड़मेर में है। इससे राज्य तो अव्वल रहा ही है, बरसाती पानी की फिजूल खर्ची की बजाय संकट के दिनों में यह पेयजल को काम आएगा।
जलजीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 में देश में 5 लाख 84 हजार 866 निर्माण हुए। इस निर्माण में राजस्थान के बाद में कर्नाटक में 77451, छत्तीसगढ़ में 62101, मध्यप्रदेश 49125 और बिहार में 42757 निर्माण हुए हैं।
बाड़मेर में क्यों हुए
बाड़मेर में पानी की तकलीफ आज भी बड़ी है। यहां दो से तीन किलोमीटर दूरी से पानी लाना बॉर्डर के इलाकों में आज भी सामान्य बात है। इस पर भी पानी मिल जाए तो बड़ी बात।
लिहाजा बारिश के पानी को बचाने और उसको पीने के लिए ताले में बंद रखकर रखने तक की नौबत है। सरकार की योजना में टांकों के निर्माण के लिए जब सहायता मिली तो लोगों ने रुचि लेकर इसको किया है। इससे इनके घर और खेत में ही बरसाती पानी अब संरक्षिण होगा।
30 से 40 हजार लीटर का प्रबंध
बरसात का यह पानी करीब 30 से 40 हजार लीटर इन टांकों व अन्य निर्माण में आएगा। इससे बारिश के बाद करीब अगली बारिश तक पेयजल के लिए यह पानी खूब हो सकता है। ग्रामीण इसका उपयोग भी संकट के समय में ही करते हैं। जब तक पानी का अन्य स्त्रोत हैं, वे वहां से पानी लाते हैं।
बहुत जरूरी कार्य हुआ
पानी की समस्या के समाधान के साथ ही यहां पर वाटर हार्वेस्टिंग का यह बड़ा कार्य हुआ है। इससे जहां पानी की विकट समस्या है, वहां कम से कम लोगों के पास बरसाती पानी सहेजकर पीने का प्रबंध होगा।