शिवमुण्डी: बाड़मेर में हैं स्वप्रकट शिवलिंग, यहां हर सावन सोमवार को लगता है मेला
शहर के सूजेश्वर पहाड़ियों की गोद में है शिवमुण्डी महादेव। यहां स्वप्रकट शिवलिंग है, जिसकी पूजा कई सालों से हो रही है। मंदिर की जिस पहाड़ी के नीचे यह शिवलिंग है, उसी को आकार देकर भवन निर्माण किया हुआ है।


शहर के सूजेश्वर पहाड़ियों की गोद में विराजमान शिवमुण्डी महादेव।
बाड़मेर. शहर के सूजेश्वर पहाड़ियों की गोद में है शिवमुण्डी महादेव। यहां स्वप्रकट शिवलिंग है, जिसकी पूजा कई सालों से हो रही है। मंदिर की जिस पहाड़ी के नीचे यह शिवलिंग है, उसी को आकार देकर भवन निर्माण किया हुआ है। मुश्किल से पंद्रह मिनट की सीढ़ियों की चढ़ाई है। मंदिर तलहटी में सावन के सोमवार को मेला भरता है। शहर के पुराने शिवालयों में शुमार है। बारिश के दिनों में पीछे सूजेश्वर की तरफ से बहने वाले झरनों की कल-कल यहां सुनाई देती है। मंदिर के ठीक पीछे पहाड़ियों की बड़ी लंबी श्रृंखला है। सावन में यहां चारों तरफ हरियाली आने वाले श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है।
मेले में झूले-दुकानों का आकर्षण
मंदिर की तलहटी में पूरे सावन मेले सा माहौल रहता है। यहां मंदिरों की श्रृंखला है। सावन सोमवार को मेले में झूले, खाद्य वस्तुएं, पूजन सामग्री के लिए दुकानें लगती हैं। सुबह से देर रात तक यह मेला पूरी रौनक में रहता है।
अभिषेक कर प्रसादी का करते आयोजन
मंदिर में सावन के दिनों में विशेष अभिषेक प्रतिदिन किया जाता है। सोमवार को इसका अति महत्व है। यहां पर अभिषेक के बाद में प्रसादी का आयोजन भी होता है। जिसमें कई ग्रुप व परिवार के लोग भी प्रसाद में शरीक होते हैं।
श्रावण का दूसरा सोमवार, शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नगर सहित पूरे क्षेत्र में श्रावण मास का दूसरा सोमवार श्रद्धापूर्वक मनाया गया। शिवालयों में दर्शन पूजन के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़े। इससे पूरे दिन मेले सा माहौल नजर आया। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल, दूध, चढ़ा अभिषेक पूजन किया। आरती उतार, प्रसाद चढ़ा परिवार में खुशहाली की कामना की। शिवालयों में घंटों बैठक जप-तप, भजन, संकीर्तन किया। हर-हर महादेव के जयकारे गूंजे। नगर के सफेद आंकड़ा, जसदेरधाम, मनोकामना महादेव मंदिर, सूजेश्वर महादेव मंदिर, रातानाडा महादेव मंदिर, शिवमुंडी महादेव मंदिर सहित शिवालयों में दर्शन पूजन के लिए सुबह से भक्तों की कतार लगी रही।
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