करियर की शुरुआत समय से प्रारंभ करने पर सफलता की राह आसान हो जाती है। कामयाबी के सभी पैरामीटर को निष्ठापूर्वक करने के लिए प्रेरित किया। जीवन में खूब मेहनत व समय का पाबंदी बनकर स्वयं की प्रतिभा पहचान कर सफलता किये जाने का मार्गदर्शन प्रदान किया।
इसी क्रम में विद्यार्थियों ने पुलिस अधीक्षक से प्रश्न पूछे। दीक्षा वर्मा ने पूछा 16 से 17 वर्ष के बच्चे तैयारी कैसे करें कि भविष्य में एक बार में यूपीएससी का पेपर क्लियर हो जाए। श्री साहू ने जवाब दिया कि एनसीआरटी की पुस्तकों का गहन अध्ययन, गतवर्ष की परीक्षा में पूछे गए प्रश्न के पैटर्न को देखकर तैयारी करें।
सर मैं एसपी बनना चाहती हूं क्या करूं?
माही राठी ने पूछा कि सर मैं एसपी बनना चाहती हूं क्या करूं? अधीक्षक का जवाब
छत्तीसगढ़ में एसपी बनने के लिए दो प्रमुख रास्ते हैं-सीजीपीएससी के माध्यम से राज्य पुलिस सेवा में चयन और यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईपीएस अधिकारी बनते हैं। दोनों रास्तों में कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।
12वीं की छात्रा दीक्षा वर्मा ने पूछा आपने एसपी बनने की तैयारी कब से प्रारंभ की तथा आपकी दिनचर्या किस प्रकार निर्धारित थी? श्री साहू ने कहा कि जो पहले सोचेगा वह पहले पाएगा अर्थात् करियर की शुरुआत में ही मेरा रुझान व क्रियाशीलता पुलिस अधीक्षक बनने की ओर रहा तथा मैंने परीक्षा में सौ प्रतिशत देने के भाव से तैयारी की।
छात्रा श्रुति सिन्हा ने पूछा कि हम स्वयं को हमेशा मोटिवेट कैसे रखें। साहू ने कहा असफलता से निराश न होकर हमेशा सकारात्मक भाव से आशा की ओर रहे। मन में हार के भाव को न लाकर जीत के बारे में सोचकर निरंतर कार्य करते रहें।
पुलिस अधीक्षक बोले – मुझे अगर समय पर कैरियर गाइडेंस अच्छे से प्राप्त हुआ होता तो
येशु जंघेल ने पूछा कि बचपन से लेकर अभी तक किसी चीज के बारे में आपको पछतावा है? पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मुझे अगर समय पर कैरियर गाइडेंस अच्छे से प्राप्त हुआ होता तो मैं आज और बड़े मुकाम में होता। अतिथि को महाविद्यालय के प्रतीक चिन्ह व शाल से सम्मानित किया गया। डॉ. अवधेश पटेल ने आभार व्यक्त किया। इस नि:शुल्क समर कैंप में 5 जून तक कोई भी शामिल हो सकते हैं। इस अवसर पर समाधान महाविद्यालय के संचालक डॉ अवधेश पटेल, सहायक प्राध्यापक पीतांबर झा, अंशु दत्ता, हुतेन्द्र कुमार सिन्हा, तोरणलाल सिन्हा, प्राथमिक शाला पिपरिया के प्रधानपाठक डोगेंद्र वर्मा, प्राथमिक शाला जाता के शिक्षक यशवंत कुमार शर्मा, शिक्षक पुष्पलता राजपूत, मालती देवांगन व चेतन सिंह बघेल सहित 112 विद्यार्थी उपस्थित थे।