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अधिकारियों ने राइस मिल मालिक और मृतकों के परिजनों के बीच बैठक कराकर एक लाख रुपए का मुआवजा और घायलों का निजी अस्पताल में इलाज कराने पर सहमति बनी तब जाकर शव को उठाया गया। अंतिम संस्कार गांव चोंगी खपरी में किया गया।
मृतका बिस्वंतिन बाई साहू 55 वर्ष सूरज राइस मिल में विगत 3 वर्ष से मजदूरी कर रही थी। इनके पति का ब्रेन हैमरेज से बीते वर्ष दिसंबर में मौत हो गई है। परिवार में दो बेटे बहू और नाती पोते है जिनकी पारिवारिक स्थिति दयनीय है। इनका अंतिम संस्कार राखी जोबा में किया गया।
देर रात 9 बजे उठाया शव पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राइस मिल संचालक व परिजनों के बीच आपसी समझौता होने के बाद करीब रात्रि 9 बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साजा भेजा गया जहां शुक्रवार को पोस्टमार्टम उपरांत दोनों शव को परिजनों को सुपुर्द किया गया। जिनका अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाज से हुआ। अंतिम संस्कार में ग्रामीण व परिजन शामिल हुए।
घटना पर मर्ग कायम किया गया है। शव का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर घटना की जांच की जा रही है। प्रत्यक्षदर्शी का बयान लिया जाएगा तब जाकर कुछ स्पष्ट हो पायेगा। विनय कुमार, एसडीओपी, बेरला
मृतक नंदकुमार निषाद के पिता थनवार निषाद ने भावुक हो कर बताया कि सूरज राइस मिल राखी जोबा में उसका बेटा विगत 15 वर्ष से मजदूरी करने जा रहा था और परिवार का कमाना वाला अकेला व्यक्ति था। मेरा नाती भगवान सिंह निषाद 12वी कक्षा का पेपर दिला कर तीन दिन पहले उसी राइस मिल में काम करने गया था जिसकी उम्र 17 वर्ष है। नाती को भी गंभीर चोटे आई है जिसका उपचार निजी अस्पताल दुर्ग में चल रहा है। मृतक का 12 वर्षीय बेटी है जिसके दिल में छेद है जिसका भी ईलाज चल रहा है। मैं अत्यंत गरीब हूं अब मेरे यहां कमाने वाला कोई नहीं है।
परिजनों को बुलाया गया है। आवेदन लिया जाएगा पटवारी द्वारा मौका पंचनामा तैयार कर लिया गया है। बयान लेकर दस्तावेज पूरा कर कलेक्टर को भेजा जाएगा। मुआवजा मिलने की पूरी संभावना है। -सरिता मढरिया, तहसीलदार देवकर