क्या करना होगा इस अभियान में?
वूमेंस ऑफ ट्री अभियान के तहत किए जाने वाले पौधरोपण की खासियत यह है कि सभी पौधे महिलाओं द्वारा ही रोपे जाएंगे और महिलाएं ही इन पौधों की देखभाल भी करेगी। सभी पौधों की जिओ टैगिंग की जाएगी। साथ ही पौधों का ऑनलाइन रिकॉर्ड पौधा लगाने वाली महिलाओं के नाम से रखा जाएगा। लगाए गए पौधों की 2 साल तक देख-रेख का जिम्मा भी महिलाओं का होगा। बदले में सरकार महिलाओं को प्रतिमाह 100 रुपए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा। प्रत्येक महिला को कम से कम दस पौधों की देखरेख करना होगी। यह भी पढ़े –
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अमृत 2 और डे एनयूएलएम के संयुक्त तत्वावधान में पौधारोपण अभियान भारत सरकार के वूमेन फॉर ट्री कैंपेन के तहत रजिस्टर्ड स्वसहायता समूह की महिलाओं के सहयोग से चलाया जाएगा। महिलाओं को दो साल तक पौधों की देखभाल करना होगी। सरकार द्वारा महिलाओं को पौधों की देखभाल के बदले में प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। – हंशराज मस्तकर, सिटी मैनेजर डेएलयूएनएम शाखा नगरपालिका बैतूल।
जिले भर में लगाएं जाएंगे इतने पेड़
अभियान के तहत जिले भर में 2 हजार 382 पौधे लगाए जाएंगे। पौधोरापण के लिए 45 स्वसहायता समूहों की 360 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। सर्वाधिक पौधरोपण का कार्य सारनी में 577 और बैतूल में 560 लगाए जाएंगे। इसके अलावा अन्य ब्लॉकों में भी 100 से 200 तक पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पौधरोपण अभियान की शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर 5 जून से होने जा रही है।