वन विभाग ने चकबंदी अधिकारी व सरपंच पर लगाया जुर्माना
मामला वन विभाग के अपर मुख्य सचिव तक पहुंचा तो वन विभाग ने चकबंदी अधिकारी व सरपंच पर 99 लाख 22 हजार 500 रुपए व 31 लाख 51 हजार 440 रुपए का जुर्माना लगाया। जब इसे नहीं चुकाया गया तो फिरोजपुर झिरका कोर्ट में केस दायर किया गया है। एनजीटी में 2 अप्रेल को सुनवाई होनी है। दरअसल राजस्थान के खनन माफिया की ओर से सीमा से सटे पहाड़ों पर अवैध खनन व सामग्री को क्रशर प्लांटों तक पहुंचाने के लिए आसान रास्ता नहीं था इसलिए 85 लाख रुपए चंदे से जुटाकर सड़क बनाई गई। 27 नवंबर 2024 को डीएफओ के आदेश पर वन विभाग ने रास्ता भी बंद करा दिया, लेकिन सरपंच व चकबंदी अधिकारी ने रातोंरात रास्ता खुलवा दिया। ऐसा बार-बार हो रहा है।सिर्फ कागजों में कार्रवाई
– बसई मेव के ग्रामीणों ने चार जुलाई 2024 को नूंह के डीएफओ को शिकायत दी कि हरियाणा से अवैध खनन सामग्री राजस्थान में बॉर्डर पर लगे क्रशर प्लांट तक ले जाने के लिए अवैध रास्ता निकाला जा रहा है।महाराजा कॉलेज जयपुर के गोखले बॉयज हॉस्टल से आई बड़ी खबर, बिना अनुमति सारी रात रुकी छात्रा, मचा हड़कंप
हम क्या कर सकते हैं
अगर अवैध सड़क हरियाणा के क्षेत्र में बनी हुई है तो हम क्या कर सकते हैं। क्योंकि वहां क्षेत्राधिकार उनका है। बाकी हमारे पास अगर वहां से अवैध खनन का इनपुट मिलता है तो कार्रवाई करते हैं।उत्सव कौशल, जिला कलक्टर, डीग
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हमने कार्रवाई कर दी
विभाग के स्तर पर जो कार्रवाई होनी थी, वह हमने पूरी कर दी है। रास्ता भी बंद करा दिया, लेकिन राजस्थान का खनन माफिया बार-बार खोल देता है। अधिकारियों पर कार्रवाई की बात डीसी ऑफिस जाने।प्रदीप गुलिया, डीएफओ नूंह (हरियाणा)