शहर के चौराहों पर आए दिन दुर्घटनाएं सामने आ रही थीं। वाहन चालक अक्सर तिरछे वाहन चलाते हैं, जिससे चौराहों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता था और जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में ट्रेफिक लाइट्स लगने से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि जाम की स्थिति भी नियंत्रित होगी। बीडीए की मंशा है कि चौराहों पर हादसे पूरी तरह से नियंत्रित रहें। इसके लिए वाहनों की स्पीड को थामना जरूरी है।
इसी उद्देश्य से शहर के चौराहों को ट्रेफिक लाइट से जोड़ा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में शहर के बिजली घर एवं कुम्हेर गेट चौराहे पर लाइट्स लगाई थीं। इन पर हमेशा यातायात पुलिसकर्मी भी तैनात रहते थे, लेकिन यह व्यवस्था ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी थी। कुछ दिनों बाद यह चौराहे लाइट्सविहीन हो गए थे।
57 लाख रुपए का टेंडर, 4 माह में होगा काम
भरतपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त प्रतीक जुईकर ने बताया कि शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 9 चौराहों पर ट्रेफिक लाइट्स लगाई जाएंगी। इस परियोजना के लिए 57 लाख रुपए का टेंडर जारी किया है, जिसे अब पुन: बातचीत करके कम किया जा रहा है। इस कार्य को पूरा करने में करीब 4 महीने का समय लगेगा। दिल्ली की न्यूमीनियश कंपनी को ट्रेफिक लाइट्स लगाने का ठेका दिया है। यह भी पढे़ं :
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बिजलीघर चौराहा, कुम्हेर गेट चौराहा, हीरादास चौराहा, सारस चौराहा, रेडक्रॉस चौराहा, सूरजपोल चौराहा, कन्नी गुर्जर चौराहा, अखड्ड चौराहा और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के सामने
एड रेवेन्यू से होगी लाइट्स की मेंटीनेंस
सभी चौराहों पर ट्रेफिक लाइट्स की देखरेख और मेंटीनेंस की जिम्मेदारी न्यूमीनियश कंपनी को दी गई है। जानकारी के अनुसार इन चौराहों पर लगी लाइट्स से होने वाली एड रेवेन्यू (विज्ञापन से आय) से कंपनी इन लाइट्स की मेंटीनेंस का काम करेगी।