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कोटा की राह पर भरतपुर सिटी! 7 दिन में 2 छात्रों ने मौत को लगाया गले

Bharatpur News: यह सिर्फ घटना ही नहीं है, बल्कि परिजनों के लिए भी चिंता का विषय है। क्योंकि सात दिन के अंदर ऐसी दूसरी वारदात हो जाना भी बुरी खबर है।

भरतपुरJan 29, 2025 / 09:57 am

Alfiya Khan

sucide
भरतपुर। शहर के लक्ष्मी नगर में किराये के मकान में छोटे भाई के साथ रहकर 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे छात्र ने सिर्फ इसलिए सुसाइड कर लिया कि वह पढ़ाई के दबाव में आ गया था। यह सिर्फ घटना ही नहीं है, बल्कि परिजनों के लिए भी चिंता का विषय है। क्योंकि सात दिन के अंदर ऐसी दूसरी वारदात हो जाना भी बुरी खबर है।
मथुरा गेट थाने के एएसआइ हरगोपाल ने बताया कि हसैला अछनेरा (आगरा) निवासी 17 वर्षीय मोहन सिंह पुत्र ओमवीर सिंह लक्ष्मी नगर में किराये के कमरे में छोटे भाई सोनू के साथ रहता था। छोटा भाई सोनू मंगलवार को जब कमरे पर आया तो उसने खिड़की से बड़े भाई निजी स्कूल अध्ययनरत विज्ञान वर्ग के छात्र मोहन सिंह को साफी से कमरे की छत के कुंदे से लटका हुआ पाया।
सूचना पर पहुंचे परिजनों ने दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पोस्टमार्टम के बाद छात्र के शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। आत्महत्या के कारणों के बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि पढ़ाई के दबाव में आकर छात्र ने आत्महत्या की है। वहीं मृतक के पिता ओमवीर ने बताया कि एक दिन पूर्व सोमवार को ही वह पत्नी के साथ बच्चों से मिलकर गए थे।

एक सप्ताह पहले भी ऐसी वारदात

बता दें कि छात्र की ओर से आत्महत्या किए जाने की शहर में यह एक सप्ताह में दूसरी घटना है। गत 21 जनवरी को पढ़ाई के दबाव में आकर 19 वर्षीय छात्र रोहित जाटव निवासी महलपुर काछी, रुदावल ने शहर के आंबेडकर छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। वह प्रतियोगी परीक्षा एसएससी की तैयारी कर रहा था।

एक्सपर्ट व्यू: आत्महत्या से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी

मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि आज के प्रतिस्पर्धी दौर में स्टूडेंट्स पर बढ़ते पढ़ाई और करियर के दबाव ने आत्महत्या जैसी घटनाओं को बढ़ावा दिया है। इसे रोकने के लिए परिवार, शिक्षक और समाज की सामूहिक भूमिका अहम है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालने के बजाय उनका मनोबल बढ़ाएं और उनकी भावनाओं को समझें।
शिक्षकों को पढ़ाई के साथ बच्चों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और सहायक वातावरण प्रदान करना चाहिए। स्कूल-कॉलेजों में काउंसलिंग और स्ट्रेस मैनेजमेंट वर्कशॉप होने चाहिए। सरकार, समाज को मिलकर हेल्पलाइन नंबर और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। सामूहिक प्रयासों से ही छात्रों को आत्महत्या जैसे कदम से रोका जा सकता है।

04 मई, 2024

केस 01: चार मई 2024 को नीट की परीक्षा से एक दिन पहले मथुरा गेट थाने के बृज नगर में छात्र ने सुसाइड कर लिया था। मृतक छात्र किराये पर कमरा लेकर भाई के साथ रह रहा था। परीक्षा की पूर्व संध्या पर उसने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक ने 2023 में भी नीट की परीक्षा दी थी।

31 मई, 2024

केस 02: 31 मई 2024 को 10वीं की एक छात्रा ने कम नंबर आने पर सुजानगंगा नहर में छलांग लगा दी। हालांकि उसे समय रहते बचा लिया गया। छात्रा के अच्छे मार्क्स नहीं आने पर वह तनाव में चल रही थी। परिजन उसका इलाज भी करा रहे थे। डिप्रेशन के कारण छात्रा ने यह कदम उठाया।

07 जून, 2024

केस 03: सात जून 2024 को शहर की गौरीशंकर कॉलोनी निवासी छात्रा तरु सिंह नीट परीक्षा पास कर एमबीबीएस की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना चाहती थी। उसने इस वर्ष तीसरी बार नीट परीक्षा दी थी, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिली। इस पर छात्रा ने आत्महत्या कर ली।

हेल्पलाइन नंबर किए जाएं जारी: गुप्ता

समृद्ध भारत अभियान के संयोजक सीताराम गुप्ता ने बताया कि कोटा की तरह ही भरतपुर में भी पढ़ाई के दबाव में सुसाइड बहुत हो रहे हैं। जरूरी है कि शिक्षा व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्पलाइन या ऐसा सेंटर स्थापित करना चाहिए, जहां सुसाइड का मन में भाव आने पर भी बच्चे फोन करें तो उनकी तुरंत काउंसलिंग की जाए और आत्महत्या से बचाया जा सके।

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