मामला धनोरा के पास भारतमाला परियोजना के सड़क निर्माण स्थल की है। धनोरा, खम्हरिया, उपरपोटी इलाके में जमीन के अधिग्रहण के लिए दर निर्धारण को लेकर लंबे समय से विवाद है। आरोप है कि अधिकतर भू-स्वामियों के मुआवजे की गणना नियमानुसार स्क्वेयर फीट की जगह स्क्वेयर मीटर में कर दिया गया है। इससे भूमि-स्वामियों को दस गुना तक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इससे नाराज भूमि-स्वामी लंबे समय से गणना में सुधार और न्याय की गुहार लगा रहे हैं, इसके चलते कई भू-स्वामियों ने मुआवजा भी नहीं लिया है। इस बीच गुरुवार को विवादित इलाके में सड़क निर्माण शुरू किए जाने की सूचना पर बड़ी संख्या में भू-स्वामी पहुंचे थे।
नहीं हटे भूमि स्वामी तो किया गिरफ्तार
एनएचएआई की मांग पर जिला प्रशासन की और से तहसीलदार खरे और नायब तहसीलदार क्षमा यदु कब्जा दिलाने पहुंचे थे। उन्होंने किसानों को निर्माण में सहयोग की बात कही, लेकिन भूमि-स्वामी अड़े रहे। दोपहर करीब एक बजे 17 किसानों को गिरफ्तार कर वाहन से जेल परिसर पहुंचाया गया। इन्हें किया गया गिरफ्तार और रिहा
पुलिस ने धरने पर बैठे जिन किसानों को गिरफ्तार करने के बाद रिहा किया उनमें महेंद्र चोपड़ा, शिवकुमार चंद्राकर, बालमुकुंद तिवारी, चंद्रकांत साहू, सुदर्शन देवांगन, दिलीप यादव, सुरेंद्र साहू, चंदन कुमार, नीलकंठ साहू, सुनील चंद्रवंशी, काजल देवांगन, सीमा कुजूर, केकती बाई, नीलम ठाकुर, नरेंद्र देवांगन, हेमंत कुमार, हर्ष देशमुख, सावित्री ठाकुर। पुलिस बस में बैठाकर ले गई।
तीसरी बार काम रूकवाने पहुंचे थे
भू-स्वामियों के विरोध के चलते लंबे समय से सड़क निर्माण का काम अटका है। इससे पहले सितंबर और बाद में जनवरी में विरोध कर काम रूकवा दिया था। इसे देखते हुए एनएचएआई द्वारा जिला प्रशासन से कब्जा दिलाने की मांग की गई थी। इसकी सूचना पर गुरुवार को बड़ी संख्या में भू-स्वामी काम रूकवाने के लिए पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान कार्य में लगे एक हाइवा चालक ने धरने की शक्ल में बैठे किसानों के पास लाकर हाइवा से मुरुम उड़ेल दिया। इससे भू-स्वामी तिवारी घुटने के ऊपर तक दब गया। इससे माहौल गरमा गया, जिसे मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने शांत कराया।
हमारा विरोध सड़क निर्माण को लेकर नहीं है, हम केवल विवाद के निपटारे के बाद काम शुरू करने की मांग कर रहे हैं। पहले निर्माण में लगे कर्मियों ने हमारे साथी पर मुरुम उड़ेलकर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, बाद में पुलिस ने ज्यादती करते हुए पूरे दिन गिरफ्तार कर बैठाए रखा और कई दस्तावेजों में हस्ताक्षर कराने का प्रयास किया। – महेंद्र चोपड़ाप्रभावित भूमि-स्वामी दुर्ग
अवार्ड पारित हो चुके जमीनों का कब्जा दिलाया जाना है। इसी के तहत कार्रवाई की गई। सभी को नि:शर्त रिहा कर दिया गया है। किसी पर मुरुम उड़ेल दिए जाने की जानकारी नहीं है और न ही किसी ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। – हरवंश सिंह मिरीएसडीएम दुर्ग