कॉलेज के कक्ष क्रमांक एन-12 में सभी विद्यार्थी परीक्षा दे रहे थे। तभी पर्यवेक्षक आए और दो परीक्षार्थियों को उनकी जगह से उठाकर बॉटनी प्रयोगशाला में ले गए। यानी परीक्षा के एक घंटे बाद दोनों परीक्षार्थियों की जगह अचानक से बदल दी गई। कक्ष में ले जाने के बाद परीक्षार्थियों को नए प्रश्नपत्र और नई उत्तरपुस्तिकाएं दी गई। एक तरफ जहां इस विषय के बाकी परीक्षार्थी अपने रोल नंबर पर बैठकर परीक्षा दे रहे थे, वहीं इन दोनों परीक्षार्थियों को अलग कमरे में बैठाया गया।
सबसे खास बात यह है कि जब तमाम परीक्षार्थियों की परीक्षा समाप्त हो गई तब भी दोनों परीक्षार्थी अन्य कक्ष में बैठकर उत्तरपुस्तिका भरते रहे। कक्ष में बैठे अन्य परीक्षार्थियों ने इस मामले में हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने मामले को आया-गाया कर दिया और पूरे मामले में चुप्पी साध ली। अब यह मामला खुल गया है कि क्योंकि विश्वविद्यालय में इसको लेकर लिखित शिकायत दर्ज की गई है। विश्वविद्यालय ने जांच समिति बना दी है। समिति पूछताछ के लिए आज भिलाई-3 पहुंचेगी।
वार्षिक परीक्षा में छात्रों को नकल कराने का मामला उठा है। क्या दो छात्रों को अलग कक्ष में बैठाकर परीक्षा दिलाई गई?
जवाब – मामला जैसा बताया जा रहा है वैसा नहीं है। दरअसल, उस दिन परीक्षा में कई विषय कोड थे। इन दोनों परीक्षार्थियों को गलती से दूसरे विषय कोड का प्रश्नपत्र दे दिया गया। जब हमें इसका आभास हुआ तब तक एक घंटा बीत चुका था। ऐसे में हमने उन परीक्षार्थियों को अलग कक्ष में बैठाया और उन्हें सही प्रश्नपत्र दिया।
यह दोनों परीक्षार्थी परीक्षा समाप्त होने के बाद भी कैसे उत्तरपुस्तिका लिखते रहे, जबकि ऐसा सिर्फ विश्वविद्यालय के आदेश से हो सकता है?
जवाब – हमें लगा कि, इन्हें गलत प्रश्नपत्र दिया गया है। तब एक घंटा बीत चुका था। ऐसे में उन्हें जो नया प्रश्नपत्र हल करने दिया गया, उसके हिसाब से हमने उन दोनों परीक्षार्थियों को एक घंटा अतिरिक्त लिखने की मंजूरी दे दी।
इतना बड़ा मामला हो गया तो फिर विश्वविद्यालय को सूचना क्यों नहीं दी गई?
जवाब – हां… यहां हमारी गलती है। हमने विश्वविद्यालय को मामले की सूचना नहीं दी। विश्वविद्यालय को शिकायत मिली है कि कॉलेज में नकल कराई गई। इस मामले में जांच होनी है, क्या लेटर मिला है?
जवाब –हां…, विश्वविद्यालय से निरीक्षण दल पहुंचने और जांच की सूचना मिली है। हम अपने स्तर पर सभी साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
कॉलेज प्रशासन ने दिया तर्क
पूरा मामला खुलने के बाद कॉलेज प्रशासन अब अजीब तर्क दे रहा है। परीक्षा के दौरान गलत प्रश्नपत्र वितरित हुआ था जिससे यह स्थिति बनी। हालांकि प्राचार्य अपनी गलती स्वीकार करते हुए मान रही हैं कि उन्होंने समय पर प्रकरण की जानकारी विश्वविद्यालय को नहीं दी। दो परीक्षार्थियों को गलत विषय कोड के प्रश्नपत्र बांट दिए गए। इसको सही करने के लिए कॉलेज ने दोनों को अलग जगह बैठाकर दूसरा प्रश्नपत्र के साथ नई उत्तरपुस्तिका दे दी। इनको गलत प्रश्नपत्र मिले एक घंटा बीत चुका था। इस कारण परीक्षार्थियों को एक घंटा अतिरिक्त दिया गया।
विश्वविद्यालय ने बनाई समिति
लिखित शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए विश्वविद्यालय ने जांच समिति गठित कर दी है। समिति शुक्रवार को कॉलेज पहुंचकर जांच करेगी। सुबह की पाली में हुई परीक्षा में खुद प्राचार्य केंद्राध्यक्ष थीं। इसी तरह दो अन्य महिला सीनियर प्रोफेसर कंट्रोलर की भूमिका निभा रही थी। इस मामले में सबसे बड़ी गलती कॉलेज प्रशासन से यह हुई है कि, उन्होंने पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश की। जबकि परीक्षा में इतनी ब्लडंर गलती के बाद इसकी सूचना तुरंत विवि परीक्षा विभाग को दी जानी चाहिए थी। परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों ने शिकायत करते हुए पूरे मामले को उजागर कर दिया।
नकल का आरोप, हो रहा विरोध प्रदर्शन
छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। 12 मार्च से ही कॉलेज में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कॉलेज पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि यहां नकल कराई जा रही है। कुछ चहेते परीक्षार्थियों को फायदा पहुंचाने अलग व्यवस्थाएं बनाकर देने का भी आरोप लगा है। भिलाई-3 खूबचंद महाविद्याल में छात्रों को अलग कमरे में बैठाकर नकल कराने का मामला सामने आया है। लिखित शिकायत मिली है। जांच के लिए समिति बना दी है। कॉलेज द्वारा सूचना नहीं देना बड़ी गलती है। कार्रवाई तो होगी। – भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय