उनका कहना है कि बीएसपी का नगर सेवाएं विभाग वह भार टाउनशिप के उपभोगत्ताओं पर डालना चाहता है, जो
बिजली चोरी होने की वजह से प्रबंधन पर पड़ रहा है। इसका ही वे विरोध कर रहे हैं। अगर बिजली की दरों में इजाफा होता है, तो टाउनशिप के करीब 35,000 उपभोक्ताओं पर इसका असर पड़ेगा।
दोनों के कार्यक्षेत्र में है अंतर
उन्होंने कहा कि बीएसपी के टाउन इजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट ने अपने टेरिफ प्रस्ताव में छत्तीसगढ़ शासन की विद्युत दरों के समकक्ष दरों के निर्धारण का प्रस्ताव रखा है। बीएसपी को कार्यक्षेत्र और छत्तीसगढ़ शासन के कार्यक्षेत्र में जमीन आसमान का फर्क है। ऐसी स्थिति में संयंत्र के जिमेदार अधिकारियों का यह प्रस्ताव हास्यास्पद है। अत: एक सिरे से खारिज करने योग्य है।
नहीं दिया जा रहा थ्री फेस कनेक्शन
उन्होंने कहा कि बीएसपी के टाउन इजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट आम उपभोक्ताओं को उनके पारिवारिक या व्यावसायिक उपयोग के लिए विगत अनेक वर्षों से थ्री-फेस कनेक्शन जान-बूझकर नहीं दे रहा है। इस बात की जानकारी विद्युत विभाग से लिया जाना चाहिए कि पिछले 4-5 साल में संयंत्र की भूमिका रहने वाले आवासीय या व्यावसायिक उपभोक्ताओं के कितने आवेदन विद्युत विभाग में जमा हुए। कितने लोगों को थ्री-फेस कनेक्शन विभाग के जारी किए गए और जिनके यह कनेक्शन नहीं दिए गए, उसका क्या कारण है। यहां होती है बिजली चोरी
भिलाई स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने बताया कि बीएसपी के स्वामित्व की भूमि पर होने वाले सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, वृहद कार्यक्रम व खुर्सीपार में होने वाली विद्युत चोरी जो लंबे समय से आयोग के आदेशों के बाद भी यथावत जारी है, को रोकने की दिशा में कड़े कदम क्यों नहीं उठाया जाता। इस विद्युत चोरी से आम उपभोक्ताओं को जो भार पड़ रहा है, इसके लिए बीएसपी का टाऊन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ही जिमेदार है।
उन्होंने मांग किया है कि इससे होने वाले नुकसान का भार बीएसपी स्वयं वहन करें। आम उपभोक्ताओं को इससे राहत मिलनी चाहिए। चेंबर ने संयंत्र प्रबंधन से बिजली की दर में वृद्धि करने के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने की मांग की है। बेहतर होगा कि संयंत्र प्रबंधन बिजली की चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए, जिससे दर में वृद्धि करने की जरूरत प्रबंधन को नहीं पड़ेगी।