हाल ही में कुलपति चयन समिति की बैठक हुई है, जिसमें कुलपति पद के उमीदवारों को शॉर्ट लिस्ट कर लिया गया है। सीएसवीटीयू कुलपति के लिए करीब 43 आवेदन आए हैं, जिसमें प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्य व डायरेक्टर्स के अलावा दूसरे राज्यों के प्रोफेसर्स भी शामिल हुए हैं।
छत्तीसगढ़ से देखा जाए तो एनआईटी रायपुर के प्रोफेसर डॉ. समीर वाजपाई, डॉ. अनिल तिवारी और डॉ. राजेश त्रिपाठी का नाम चल रहा है। तीनों ही कुलपति के पद के लिए मजबूत कैंडीडेट के तौर पर देखे जा रहे हैं। इनके अलावा सीएसवीटीयू संघटक अंबिकापुर इंजीनियरिंग कॉलेज के डॉ. आरएन खरे, तकनीकी शिक्षा संचालनालय के एडीशनल डायरेक्टर डॉ. एमएल अग्रवाल के साथ जीईसी प्रिंसिपल डॉ. अशोक दुबे के नाम की भी चर्चा है।
इनके साथ-साथ भिलाई के डॉ. पीबी देखमुख ने भी कुलपति पद के लिए दावेदारी पेश की है। कुलपति पद के लिए सीएसवीटीयू करीब 8 महीने से इंतजार में बैठा हुआ था। कुलपति न होने से सीएसवीटीयू के कई सारे नीतिगत फैसले अटके हुए हैं। लंबे अंतराल के बाद अब राजभवन ने प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी तेज की है। ऐसे में जुलाई के पहले या दूसरे हते के बीच नए कुलपति का चयन पूरा हो सकता है।
कब कौन रहे कुलपति सीएसवीटीयू की स्थापना के साथ ही डॉ. बीके स्थापक 2005 से 2009 तक प्रथम कुलपति रहे। उनके बाद 2009 से 2013 तक डॉ. बीसी मल ने यह जिमेदारी संभाली। उनके बाद तीसरे कुलपति के तौर डॉ. एससी शर्मा ने यह दायित्व संभाला, लेकिन उन्होंने करीब एक साल के कार्यकाल के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया और फिर कुलपति की पोस्ट खाली हो गई। इस बीच तत्कालीन संभागायुक्त अशोक अग्रवाल इंचार्ज कुलपति बने। इसके बाद राजभवन की ओर से नए कुलपति की खोज शुरू हुई, जिसमें प्रो. एमके वर्मा को चुना गया और उन्हें दो बार मौके मिले।
प्रोफेसर वर्मा का दोहरा कार्यकाल प्रोफेसर वर्मा सीएसवीटीयू में दो बार कुलपति नियुक्त हुए। पहला कार्यकाल 4 साल का था। उन्होंने प्रथम कार्यकाल 6 सितंबर 2015 को संभाला। इसके बाद प्रथम कार्यकाल 30 सिंतबर 2019 को समाप्त हो गया। दूसरा कार्यकाल6 अक्टूबर से शुरू हुआ। इस बार उनका कार्यकाल 5 वर्षों तक चला क्योंकि सीएसवीटीयू प्रशासन ने अध्यादेश में संशोधन कर कुलपति के 4 वर्षिक कार्य काल को बढ़ाकर 5 साल कर दिया। इस हिसाब से उनका दूसरा कार्यकाल भी सितंबर 2024 में समाप्त हो गया।
अक्टबूर 2024 में मंगाए थे आवेदन राजभवन ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के नए कुलपति की नियुक्ति के लिए अक्टूबर 2024 में आवेदन मांगे थे। पूर्व कुलपति डॉ. एमके वर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला को प्रभारी कुलपति का चार्ज दिया गया। उनका कार्यकाल भी अप्रैल में समाप्त हो गया, जिसे राजभवन ने दो महीने के लिए और बढ़ा दिया। डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला का बढ़ा हुआ कार्यकाल भी जून में लगभग समाप्त हो गया। इस तरह सीएसवीटीयू 8 महीने तक प्रभारी कुलपति के सहारे चला।
अधिकतर बाहरी प्रोफेसरों पर लगता रहा दांव फिलहाल, पूर्व में शासकीय विश्वविद्यालयों के लिए कुलपति चयन के लिए राजभवन से बाहरी राज्यों के प्रोफेसरों और पूर्व कुलपतियों पर ज्यादा भरोसा किया है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी भी मध्यप्रदेश से आए हैं। वे मौजूदा कुलपति थे, जिनको राजभवन ने हेमचंद विश्वविद्यालय के लिए चुना। इसके साथ ही अन्य विश्वविद्यालयों और ट्रीपलआईटी रायपुर जैसे संस्थान में भी दूसरे राज्य से प्रोफेसर का चुनाव किया गया। कुलपति चुनने के मौजूदा ट्रेंड के हिसाब से बाहरी राज्यों के प्रोफेसरों को कुलपति के पद ज्यादा मिल रहे हैं। हालांकि यह राजभवन का कार्यक्षेत्र है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि, इस बार सीएसवीटीयू के लिए प्रदेश के ही प्रोफेसर को कुलपति बनाया जा सकता है।