मानसून की एंट्री के साथ बुधवार को दिनभर बादल छाए रहे। कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम तो अधिकतमर जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हुई है। मौसम विभाग ने कहा है कि मौसम तंत्र के बदलावों के तहत अब गुरुवार से दुर्ग जिले में बारिश की गतिविधियां तेज होने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले दो दिनों में उत्तर पूर्व के बचे हुए राज्य, छत्तीसगढ़ के कुछ और भाग होते हुए ओडिशा, पश्चिम बंगाल के कुछ भाग, और सिक्किम पहुंचने की संभावना है।
प्रदेश में भारी वर्षा का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है, लेकिन इसका प्रभाव मध्य छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में भी देखने को मिल सकता है। फिलहाल, दुर्ग जिले का अधिकतम तापमान सामान्य 6.4 डिग्री की गिरावट के बाद 36.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान औसत से 6.1 डिग्री की गिरावट के बाद 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
समय से पहले पहुंच गया मानसून
मानसून के लिए जरूरी सिस्टम अभी बंगाल की खाड़ी में स्थिर बना हुआ है। फिलहाल उसका पाथ अभी स्पष्ट नहीं है। आमतौर पर मानसून की शुरुआत 15 मई से शुरू होते हुए 1 जून को केरल पहुंचता है। इस बार मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया है। केरल से बस्तर तक पहुंचने में मानसून को 13 दिन का समय लगता है। इस बार यह मानसून 4 दिन में ही बस्तर पहुंच गया, यानी 8 दिन पहले।
मानसून जिस गति से आगे बढ़ रहा है, उससे संभावित है कि, यह छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी जल्द एंट्री लेगा। मानसून को आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई है। नमी की गहराई पर्याप्त है, साथ ही निम्न स्तर पर सिस्टम एक्टिव हो गया है। प्रदेश में लगातार बारिश के बाद 60 फीसदी हिस्से को कवर किया गया है। इसके बाद ही छत्तीसगढ़ के लिए मानसून की अधिकृत घोषणा की गई है। किसानों को अब खेती बाड़ी के काम में तेजी लानी पड़ेगी। क्योंकि मानसून सक्रिय हुआ तो धान की बोवाई व नर्सरी लगाने में दिक्कत आएगी।