यह भी पढ़ें:
CBSE Exam 2025: बच्चों में परीक्षा का डर खत्म करने सीबीएसई ने निकाला ये नया तरीका, अब आएंगे अच्छे नंबर इन केंद्रों में करीब ढेड़ लाख उत्तरपुस्तिकाएं जांची जाएंगी। इसमें हमारे 1200
शिक्षक चेकर की भूमिका निभाएंगे। हर एक सेंटर पर सौ कॉपियाें की जांच होंगी। हर एक सेंटर कक्षा 10वीं और 12वीं को मिलाकर 12 हजार कॉपियां तक जांचेगा। उत्तरपुस्तिका जांच के लिए बोर्ड के नियम बेहद सख्त हैं। नोडल ने बताया कि चेकर के कॉपी जांच लेने के बाद उसे थ्री लेयर से गुजरना होता है।
इसके लिए कॉपी चेक होने के बाद 20 फीसदी कॉपी कार्डिनेटर देखेगा। इसी तरह 10 फीसदी कॉपी एडशिनल कॉर्डिनेटर और 10 फीसदी हैड एग्जामनर दोबारा से परखेंगे। इसके बाद ही फाइनल शीट तैयार होगी, तकि किसी भी बच्चे को कम या अधिक अंक नहीं मिले और उसका कोई नुकसान न हो।
छात्रों को बड़ी सहूलियत – बोर्ड
परीक्षा के नतीजे जारी होने के बाद जिन छात्रों को कॉपियों में मिले अंकों को लेकर असमंजस की स्थिति है, वे 500 रुपयों का भुगतान कर सीबीएसई से अपनी उत्तरपुस्तिका मांग सकेंगे। यही वजह है कि ट्विनसिटी के शिक्षकों को उत्तरपुस्तिका जांच के दौरान सतर्कता बरतनी होगी। गलती होने पर विद्यार्थी कॉपी में मिले अंकों को लेकर अपील कर सकेगा, जिससे उस चेकर पर गाज गिरेगी। स्टेप मार्किंग के अंकों को लेकर भी बोर्ड द्वारा सुनवाई की जाएगी।
सीबीएसई की उत्तरपुस्तिका जांच में विभिन्न मापदंड पालन करने होते हैं। इसको देखते हुए हर सेंटर का प्रत्येक चेकर एक दिन में सिर्फ 20 उत्तरपुस्तिका ही जांच सकेगा। उत्तरपुस्तिका की जांच के दौरान स्टेप मार्किंग है, इसलिए हर एक उत्तर को बारीकी के साथ जांचना होगा। करीब 12 मार्च तक सीबीएसई मार्किंग का मैनुअल ट्विनसिटी के उत्तरपुस्तिका सेंटर्स को भेज देगा। इसके बाद नोडल सभी सेंटर्स के अध्यक्षों की बैठक कराएंगे। बैठक में उन्हें बोर्ड से जारी जरूरी निर्देश बताए जाएंगे।