आम आदमी पार्टी की लगातार बढ़ रहीं मुश्किलें, केजरीवाल-सिसोदिया के बाद अब इन पर कार्रवाई, जानिए पूरा मामला
CCTV project corruption case: आम आदमी पार्टी के लिए एक और नई मुसीबत सामने आई है। दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे के इंस्टॉलेशन और उससे जुड़ी रिश्वत के मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
Satyendra Jain: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बाद अब सत्येंद्र जैन पर केस दर्ज हुआ है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत सक्षम प्राधिकारी से पूर्व मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को एफआईआर दर्ज की गई।
आप के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली भर में सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड हर्जाने को मनमाने ढंग से माफ कर दिया। जैन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध) और 13(1)(ए) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
7 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने को आरोप
संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा ने कहा कि कथित तौर पर 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के बाद यह छूट दी गई। उन्होंने कहा कि कई शिकायतों से पता चला है कि परियोजना को घटिया तरीके से क्रियान्वित किया गया था। कई कैमरे हैंडओवर के समय काम नहीं कर रहे थे।
सीसीटीवी परियोजना के नोडल अधिकारी थे जैन
एसीबी के मुताबिक, यह मामला एक समाचार रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया था कि जैन सीसीटीवी परियोजना के नोडल अधिकारी थे। उन्होंने बीईएल और उसके ठेकेदारों पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने के बदले में 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।
दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने में काफी देरी के कारण पिछली आप सरकार ने अगस्त 2019 में जुर्माना लगाया था। सत्यापन के दौरान बीईएल के एक अधिकारी ने आरोपों का समर्थन करते हुए एक विस्तृत शिकायत प्रदान की। संयुक्त सीपी ने कहा कि शिकायत में आगे आरोप लगाया गया है कि जुर्माना माफ करने के अलावा, बीईएल को 1.4 लाख और सीसीटीवी कैमरों के लिए अतिरिक्त ऑर्डर दिए गए थे।
ऑर्डर के मूल्यों को बढ़ाकर किया था भुगतान
कथित तौर पर रिश्वत उन ठेकेदारों के माध्यम से दी गई, जिन्हें अतिरिक्त कैमरा लगाने के ऑर्डर मिले थे। वर्मा ने कहा कि कथित तौर पर विक्रेता के ऑर्डर के मूल्यों को बढ़ाकर भुगतान किया गया था। एसीबी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और बीईएल से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है।
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