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CG Promotion: लंबे इंतजार के बाद हुआ प्रमोशन, अब इसके बाद बनेंगे प्राचार्य, लिस्ट जारी

CG Promotion: प्रदेशभर के शासकीय कॉलेज इस प्रमोशन लिस्ट का इंतजार कर रहे थे। शासन के स्तर पर सभी प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बाद भी प्रमोशन की घोषणा में करीब सवा महीने का समय लग गया।

भिलाईMay 31, 2025 / 01:03 pm

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CG Promotion: लंबे इंतजार के बाद हुआ प्रमोशन, अब इसके बाद बनेंगे प्राचार्य, लिस्ट जारी

उच्च शिक्षा विभाग ने सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन (Photo Patrika)

CG Promotion: उच्च शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को सहायक प्राध्यापकों की प्रमोशन सूची जारी कर दी। प्रदेश के शासकीय कॉलेजों से 302 सहायक प्राध्यापकों को प्रमोशन के बाद प्राध्यापक बनाया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन के लिए 22 अप्रैल को डीपीसी की थी, जिसके बाद प्रदेशभर के शासकीय कॉलेज इस प्रमोशन लिस्ट का इंतजार कर रहे थे। शासन के स्तर पर सभी प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बाद भी प्रमोशन की घोषणा में करीब सवा महीने का समय लग गया।

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बहरहाल, इस प्रमोशन सूची ने सहायक प्राध्यापकों के चेहरों पर बड़ी खुशी बिखेर दी है। काफी लंबे समय से वे इस प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे। खास बात यह है कि दुर्ग जिले के 41 सहायक प्राध्यापक अब प्राध्यापक बनाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 13 सहायक प्राध्यापक साइंस कॉलेज दुर्ग से हैं, जो अब प्राध्यापक कहलाएंगे। इसके बाद दुर्ग कन्या महाविद्याल, उतई कॉलेज, वैशाली नगर और खूबचंद महाविद्यालय भिलाई 3 के सहायक प्राध्यापकों को प्राध्यापक बनाया गया है।
डॉ. शुभा शर्मा – शासकीय उतई कॉलेज, डॉ. के. पद्मावती – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. सीमा अग्रवाल – उतई कॉलेज दुर्ग, डॉ. श्रीनिवास दामोदर देशमुख – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. सुनीता बी. मैथ्यु – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. अनुपमा कश्यप – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. राकेश तिवारी – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. प्राची सिंह – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. अनुजा चौहान – कन्या महाविद्यालय दुर्ग, डॉ. नसरिन हुसैन – कन्या महाविद्यालय दुर्ग, डॉ. मधुलिका राय – शासकीय उतई महाविद्यालय, डॉ. दिव्या कुमुदनी मिंज – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. भारती सेठी – भिलाई-3 खूबचंद कॉलेज, डॉ. मिनाक्षी अग्रवाल – कन्या महाविद्यालय दुर्ग, डॉ. रेशमा लाकेश – कन्या महाविद्यालय दुर्ग, डॉ. स्मिति अग्रवाल – शासकीय वैशाली नगर कॉलेज, डॉ. अवधेश कुमार श्रीवास्तव – शासकीय उतई महाविद्यालय, डॉ. तापस मुखर्जी – नवीन महाविद्यालय बोरी, डॉ. मर्सी जार्ज – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. मरीली रॉय – वैशाली नगर कॉलेज, डॉ. रबिंदर छाबड़ा – वैशाली नगर कॉलेज, डॉ. बसंत कला – शासकीय उतई महाविद्यालय, डॉ. शीला विजय – भिलाई-3 खूबचंद कॉलेज, डॉ. अनिल पांडेय – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. राकेश रंजन सिंह – खूबचंद बघेल कॉलेज, डॉ. नमिता गुहा राय – शासकीय वैशाली नगर कॉलेज, डॉ. किशन लाल राठी – कन्या महाविद्यालय दुर्ग , डॉ. गुरुदयाल सिंह बग्गा – वाणिज्य महाविद्यालय धमधा, डॉ. किरण रामटेके – शासकीय वैशाली नगर कॉलेज, डॉ. प्रेमलता मिश्रा – शासकीय उतई महाविद्यालय, डॉ. शकील हुसैन – साइंस कॉलेज दुर्ग, डॉ. नागरत्ना गणवीर – नवीन महाविद्यालय रिसाली, डॉ. शकीला गायकवाड़ – शासकीय महाविद्यालय धमधा, डॉ. सियाराम शर्मा – शासकीय उतई महाविद्यालय, डॉ. साधना राहटगांवकर – विज्ञान महाविद्यालय पाटन, डॉ. यशेश्वरी ध्रुव – कन्या महाविद्यालय दुर्ग, डॉ. ज्योति केरकेट्टा – चंदूलाल चंद्राकर महाविद्यालय, डॉ. अमरनाथ शर्मा – नवीन महाविद्यालय बोरी, डॉ. विद्या पंचागम – शासकीय उतई महाविद्यालय, डॉ. पुष्पा मिंज – चंदूलाल चंद्राकर महाविद्यालय।
अब प्राचार्य के लिए हो गए पात्र

साइंस कॉलेज दुर्ग, गर्ल्स कॉलेज और उतई महाविद्यालय के सर्वाधिक प्रमोशन प्राप्त नाम अब प्राचार्य बनने के लिए पात्र हो गए हैं। इनकी वरिष्ठता की क्रम से जल्द ही इनको प्राचार्य प्रमोशन में भी जगह मिल सकती है। इसमें सबसे ज्यादा प्राचार्य साइंस कॉलेज दुर्ग से बनने की संभावना है। दूसरी तरफ, सहायक प्राध्यापक से जितने भी प्राध्यापक बने हैं, उनमें से अधिकतर अगले साल तक सेवानिवृत्ती के करीब होंगे।
कुछ को नहीं मिल सका मौका

बताया जा रहा है कि, सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक बनने की रेस में प्रदेश से करीब 452 सहायक प्राध्यापक थे, लेकिन खुशखबरी सिर्फ 302 को मिली। इसमें से कुछ के प्रमोशन खराब सीआर यानी गोपनीय चरित्रावली के कारण रोक दिए गए हैं। इसमें दुर्ग जिले से भी करीब 11 सहायक प्राध्यापक शामिल हैं। इसके अलावा कुछ सहायक प्राध्यापक प्रमोशन मिलने से पहले ही रिटायर हो चुके हैं। फिलहाल, पूर्व में जिस तरह से सीआर खराब होने के बाद भी प्राध्यापकों को प्राचार्य बनाया गया था, वैसा पैतरा विभाग की तरफ से अभी नहीं चला गया है। बहुत संभावना है कि, कुछ समय बाद अगल से बचे हुए या खराब सीआर वाले सहायक प्राध्यापकों को भी मौका मिले।

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