खानों से सफेद पत्थर निकालने के लिए अवैध ब्लास्टिंग की जाती है। इससे खदान कमजोर हो गई थी। यह करीब 200 फीट गहरी व सीधी खदान है। क्रेन के माध्यम से दोनों मजदूर नीचे ऊतर रहे थे उसी दौरान यह हादसा हुआ। चट्टान के टूटकर गिरने से क्रेन का अगला हिस्सा टूट गया था।
हादसे के तीन घंटे बाद पहुंची पुलिस अवैध खनन चारागाह में हो रहा था। इसके आस-पास कई जगह पर भी अवैध खनन हो रहा है। इसकी जानकारी खनिज, राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते यह हादसा हो गया था। हादसे की सूचना पर बागोर पुलिस तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची। अवैध खनन राजनीति से जुड़े लोग करवा रहे हैं।
खदान में जाने का रास्ता तक नहीं 200 फीट गहरी खदान में जाने का रास्ता तक नहीं है। केवल क्रेन के सहारे ही अंदर जाते हैं। रेस्क्यू के लिए क्रेन मंगवाई गई ओर ग्रामीणों को नीचे उतरा गया, लेकिन खदान गहरी होने से ग्रामीण भी घबराकर बाहर आ गए। देर रात तक दोनों शवों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका। तीन थाने की पुलिस सहित ग्रामीण प्रयास कर रहे हैं। थाना प्रभारी भंवरलाल जाट ने बताया कि राहत कार्य चल रहा है। मांडल उपाधीक्षक मेगा गोयल, बागौर , मांडल, कारोई थाना पुलिस मौके पर मौजूद हैं।
प्रभारी सचिव अवैध खनन रोकने के दे रहे थे निर्देश उधर, जिला प्रभारी सचिव राजन विशाल बुधवार दोपहर को जिला कलक्ट्रेट में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे रहे थे, उसी दौरान दादिया में अवैध खान ढहने की घटना हो गई।