गंदा पानी आ रहा है, कचरे के लगे ढेर मत्स्य विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। मौत का कारण जानने के लिए मृत मछलियों के ढेर में से नमूने लिए। इन्हें विभागीय लैब में भिजवाया गया। सहायक प्रशासनिक अधिकारी अनिल राव ने बताया कि मछलियों की मौत के पीछे मुय कारण भीषण गर्मी से पानी के तापमान में उतार-चढ़ाव हो सकता है। यहां तालाब क्षेत्र में खाद्य सामग्री के फैले कचरे से घुलनशील ऑक्सीजन की कमी होने से मछलियों की मौत हो सकती है। मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही हो पाएगा।
नेहरू तलाई की दीवारें कई हिस्सों में टूटी हुई है। आसपास की कॉलोनियों व बस्तियों का गंदा पानी तालाब में आ रहा है। इतना ही नहीं क्षेत्र के लोग एवं पार्क में घूमने आने वाले लोग भी कचरा तालाब में फेंक रहे है। इससे तालाब के कई हिस्से में गंदगी के ढेर लगे है और सडांध फैली रहती है।
पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी एवं पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने कलक्टर एवं न्यास सचिव से शहर की प्राचीन नेहरू तलाई में हजारों की संया में मछलियों और अन्य जलीय जीवों की मौत पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि तलाई की सफाई और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो मृत जलीय जीवों से आसपास के क्षेत्र में गंभीर बीमारियां फैल सकती है। उन्होंने सफाई करवाने एवं सडांध से निजात के लिए दवाई छिड़काने की मांग की।