भोपाल के साथ इंदौर, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम समेत कई शहरों से आ रही मांग को देखते हुए समिति ने इस बार मात्रा बढ़ाई है। इसके लिए शहर की रामकली, संजीवनी गोशाला समेत अलग-अलग 15 गोशालाओं में गोकाष्ठ निर्माण किया जा रहा है। समिति अध्यक्ष अरुण चौधरी ने बताया, समिति का लक्ष्य है कि 95% होलिका दहन गोकाष्ठ से ही हो।
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समिति की ओर से बताया गया, महाकुंभ में एक गाड़ी गोकाष्ठ भेजे। पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी गोकाष्ठ भेजे थे। प्री बुकिंग होलिका दहन के हफ्तेभर पहले होगी। इसकी कीमत 10 रुपए किलो है।
गोकाष्ठ के इस्तेमाल से बचेंगे पेड़
समिति सलाहकार वैज्ञानिक डॉ. योगेंद्र सक्सेना का कहना है, एक वयस्क पेड़ से 3.5 क्विंटल लकड़ी निकलती है। ऐसे में यदि 3.5 क्विंटल गोकाष्ठ का इस्तेमाल करें तो एक वयस्क पेड़ के बराबर लकड़ी बचेगी।