मध्य प्रदेश सरकार ने पराली जलाने पर बैन लगा रखा है। बावजूद इसके कई किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे। नर्मदापुरम जिले में पराली जलाने के सबसे अधिक 5774 मामले सामने आए हैं। लेकिन सिर्फ आठ किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। वहीं विदिशा में 1040, इंदौर में 837, गुना में 725, रायसेन में 620, सिवनी में 395, खंडवा में 281, उज्जैन में 211, छिंदवाड़ा में 210 और सतना में 208 किसान सूचीबद्ध हैं। कुल 52 जिलों की सूची में 23 जिलों के कोई किसान शामिल नहीं हैं।
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सरकार किसानों को पराली नष्ट करने की मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी भी देती है। इसके बावजूद कई किसान पराली जला रहे हैं। फिलहाल, ऐसे किसानों की पूरी लिस्ट तैयार की जा चुकी है। आंकड़ों पर गौर करें तोराजस्व विभाग ने प्रदेशभर में 7000 किसानों पर 2.28 करोड़ करोड़ रुपए वसूले हैं। रायसेन में सबसे अधिक किसानों से जुर्माना वसूला गया है।
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बता दें कि एमपी के किसानों को सम्मान निधि के तहत 12000 रुपए की राशि दी जाती है। केंद्र की तरफ से छह हजार की राशि मिलती है। साथ ही राज्य सरकार अपनी तरफ से 6000 रुपए देती है। हालांकि, 7000 किसानों की सम्मान निधि बंद करने के लिए राज्य को केंद्र से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही कोई फैसला होगा।