भोपाल को 2047 तक भारत के विकासशील शहरों की सूची में एक विशेष स्थान दिलाने के उद्देश्य से ये प्लान तैयार कराया जा रहा है। बैठक में एसपीए के डायरेक्टर डॉ. कैलाशा राव एम, एडीएम प्रकाश नायक, एसोसिएट प्रोफेसर मयंक दुबे, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और मध्यप्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
7 सेक्टर टीमें विकास के हर भाग पर करेंगी काम
यहां एसपीए के एक्सपर्ट के साथ सात सेक्टर टीमें गठित की गई है। ट्रैफिक ट्रांसपोर्ट के साथ पर्यावरण, मानव संसाधन के साथ आम जीवन को प्रभावित करने वाले सभी बिंदुओं पर काम किया जाएगा। प्लान में तय होगा कि आज की स्थिति और 2047 की जरूरतें क्या है। आज की आबादी और बढ़ रहे शहरीकरण को देखते हुए 2047 तक भोपाल कैसा होगा? आज से बेहतर स्वरूप बनाने के लिए आने वाले वर्षों में किन बातों पर काम किया जाना चाहिए। योजना में इंफ्रास्ट्रर, प्रदूषण मुक्त वातावरण, आधुनिक परिवहन प्रणाली और सतत विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।
शहरी एजेंसियों के साथ करेंगे बैठक
बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले 20 दिनों में विभिन्न एजेंसियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श कर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट में स्मार्ट सिटी पहल के तहत हरित क्षेत्र, ऊर्जा बचत और जल प्रबंधन जैसे पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा। शहर को आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस करते हुए उसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को भी संरक्षित किया जाएगा।