scriptभरी बैठक में गुस्साए सीएम डॉ. मोहन यादव, कई अफसरों- कर्मचारियों को किया सस्पेंड, रोकी वेतनवृद्धि | CM Dr Mohan Yadav showed strictness while doing direct hearing in Samadhan Online | Patrika News
भोपाल

भरी बैठक में गुस्साए सीएम डॉ. मोहन यादव, कई अफसरों- कर्मचारियों को किया सस्पेंड, रोकी वेतनवृद्धि

CM Dr Mohan Yadav- एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने अफसरशाही पर सख्त तेवर अख्तियार कर लिए हैं।

भोपालMay 03, 2025 / 04:30 pm

deepak deewan

CM Dr Mohan Yadav showed strictness while doing direct hearing in Samadhan Online

एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव

CM Dr Mohan Yadav- एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने अफसरशाही पर सख्त तेवर अख्तियार कर लिए हैं। उन्होंने समाधान ऑनलाइन में सीधी सुनवाई करते हुए कहा कि लोगों का भटकना और समाधान ऑनलाइन तक मामलों का पहुंचना गंभीर मामला है। सीएम ने संभागायुक्तों, कलेक्टरों, पुलिस जोन व जिलों के आइपीएस अधिकारियों को बताया कि सभी योजनाओं में जिलों के प्रदर्शन की ग्रेडिंग कराई है। जिला एवं पुलिस प्रशासन के बारे में फीडबैक भी लिया जा रहा है। उन्होंने ग्रेडिंग में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन न करने वाले अफसरों को चेताया कि अपना प्रदर्शन सुधार लें और नागरिकों को बेहतर प्रशासन एवं व्यवस्थाओं को कस्टमर फ्रेंडली बनाकर उनका विश्वास हासिल करें। समाधान ऑनलाइन में 12 जिलों के 14 मामलों की डॉ. मोहन यादव ने खुद सुनवाई की। इस दौरान कलेक्टरों द्वारा संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई की भी जानकारी दी गई। अधिका​री, कर्मचारियों को सस्पेेंड किया गया, नोटिस जारी किए गए और वेतन वृद्धि भी रोकी गई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को समाधान ऑनलाइन में बारी-बारी से वीसी के जरिए आवेदकों से खुद बात की और उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान पांढुर्णा, मुरैना, उमरिया, नीमच, भिंड, बैतूल, निवाड़ी, रायसेन, नर्मदापुरम एवं धार जिले के एक-एक मामले तथा शहडोल व सतना जिले के 2-2 मामलों की सीधी सुनवाई की।

निलंबन, कारण बताओ नोटिस, वेतन वृद्धि रोके जाने संबंधी कार्रवाई

मामलों में जिलों के कलेक्टर व विभागाध्यक्षों ने संबंधितों के खिलाफ मामलों की समाधान ऑनलाइन में सुनवाई से पहले ही निलंबन, कारण बताओ नोटिस, आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों में एफआइआर व वेतन वृद्धि रोके जाने संबंधी कार्रवाई कर दी थी। सीएम ने कलेक्टर्स से कहा कि आम जनता की संतुष्टि ही सरकार का ध्येय है।
यह भी पढ़ें

तीन राज्यों को तोड़कर बनाएंगे 21 जिलों का नया प्रदेश! बुलाई महापंचायत

यह भी पढ़ें

डॉ. मोहन यादव को क्यों बनाया गया मुख्यमंत्री, स्वामी अवधेशानंद का बड़ा बयान


समाधान ऑनलाइन में आए प्रमुख मामले

पांढुर्णा जिले की कलावती हिंगवे ने शिकायत की थी कि उन्हें कपिलधारा कूप निर्माण, मेढ़ बंधान, खेत-तालाब, भूमि शिल्प, नंदन फल उद्यान के संबंध में मनरेगा की ओर से भुगतान नहीं किया गया था। कलेक्टर पांढुर्णा ने बताया‍ कि इस मामले में दोषी ग्राम रोजगार सहायक को पद से हटा दिया गया है। पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है। दोषी सब इंजीनियर का 15 दिन का वेतन रोका गया और दोषी पाए गए सहायक यंत्री के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव कमिश्नर जबलपुर को भेज दिया गया है। आवेदिका को उसका भुगतान करा दिया गया है।
मुरैना जिले के आवेदक ब्रह्मलाल सिंह ने उसके फौती नामांतरण में देरी होने की शिकायत की थी। कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में संबंधित नायब तहसीलदार को नोटिस दिया गया है और पटवारी पर भी कार्रवाई की गई है।
उमरिया जिले के आवेदक दीपक कोरी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना में उसे पेंशन न मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर उमरिया ने बताया कि हितग्राही को पेंशन मिलने में देरी के लिए दोषी समग्र सामाजिक न्याय अधिकारी की एक वेतन वृद्धि रोकी गई है। ग्राम पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस दिया गया है और ग्राम रोजगार सहायक से अर्थदंड की राशि तीन हजार रूपए वसूल कर आवेदक को दे दी गई है।
नीमच जिले के आवेदक लालाराम भील ने वनाधिकार हक प्रमाण पत्र में वन विभाग की गलती के कारण लाभ न मिलने की शिकायत की थी। अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल ने बताया कि वनाधिकार प्रमाण पत्र में शाब्दिक, तकनीकी त्रुटि के कारण यह परिस्थिति बनी। निराकरण कर आवेदक को 9 लाख 28 हजार 200 रूपए की राशि दी गई है।
भिंड जिले के आवेदक (छात्र) दिनेश चरकोटा ने उसे जनजातीय कार्य विभाग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर भिंड ने बताया कि आवेदक को छात्रवृत्ति मिलने में विलंब के‍ लिए दोषी क्षेत्र संयोजक पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा जिला संयोजक (जो पहले से ही निलंबित चल रहे हैं) के निलंबन आरोप में इस मामले के आरोप भी जोड़ दिए गए हैं।
बैतूल जिले के किसान अनोखीलाल यादव ने सहकारिता विभाग द्वारा जारी उसके केसीसी किसान क्रेडिट कार्ड का नवीनीकरण नहीं होने के कारण उसे कठिनाई होने की शिकायत की थी। कलेक्टर बैतूल ने बताया कि शाखा प्रबंधक द्वारा गबन कर लिया गया था। प्रबंधक पर एफआईआर की गई, फिर उससे वसूली भी की गई है।
निवाड़ी जिले के आवेदक चेनू कुशवाहा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसे आवास राशि का लाभ न मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर निवाड़ी ने बताया कि आवेदक का जिस ब्रांच में खाता है, उसी ब्रांच में चेनू कुशवाहा नाम के किसी अन्य व्यक्ति का भी खाता है। नगर परिषद द्वारा गफलत में उस दूसरे व्यक्ति के खाते में आवेदक की आवास राशि जमा करा दी गई थी, आवास की राशि वसूल कर आवेदक चेनू कुशवाह को दे दी गई है।
रायसेन‍ जिले के आवेदक बालचंद विश्वकर्मा ने उसके बेटे की आकस्मिक मृत्यु पर बीमा राशि का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर रायसेन ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत दो लाख रूपए की बीमा राशि का भुगतान कर दिया गया है।
नर्मदापुरम जिले के आवेदक राहुल यादव ने पेयजल प्राप्त न होने की शिकायत की थी। कलेक्टर नर्मदापुरम ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत यह काम कराया गया था। पीएचई की तरफ से संबंधित कम्पनी से जवाब मांगा गया है।
धार जिले की आवेदिका सीमा दांगी के पति रामा दांगी ने बताया कि उन्हें विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी, जो उन्हें नहीं मिल सका, इसलिए उन्होंने सीएम हेल्पलाईन में शिकायत की थी। कलेक्टर धार ने बताया कि इस मामले में संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है और उससे 5 हजार रूपए का अर्थदंड भी वसूल किया गया है।
शहडोल जिले के आवेदक अक्षय लाल कोल ने उसे अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सहायता राशि नहीं मिली। कलेक्टर शहडोल ने बताया कि 7 अप्रैल 2025 को आवेदक का प्रकरण मंजूर कर उसे 2 लाख रूपए दे दिए गए हैं, प्रकरण में विलंब होने की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Hindi News / Bhopal / भरी बैठक में गुस्साए सीएम डॉ. मोहन यादव, कई अफसरों- कर्मचारियों को किया सस्पेंड, रोकी वेतनवृद्धि

ट्रेंडिंग वीडियो