एमपी में किंग कोबरा विलुप्त होते जा रहे हैं। राज्य सरकार सांपों की इस सबसे खतरनाक प्रजाति की आबादी बढ़ाने के लिए कवायद कर रही है। प्रदेश के जंगलों में किंग कोबरा को बसाया जाएगा। इसके साथ ही राजधानी भोपाल में किंग कोबरा का ब्रीडिंग सेंटर भी खोला जाएगा।
एमपी के वन विभाग ने विलुप्त किंग कोबरा को फिर से बसाने की तैयारी की है। इसके लिए कर्नाटक से कोबरा का जोड़ा बुलाया जाएगा। सेंट्रल जू अथॉरिटी से इसके लिए मंजूरी भी मिल गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोबरा के इस जोड़े को भोपाल के वन विहार में रखा जाएगा। यहां ब्रीडिंग कर कोबरा को जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।
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प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन शुभरंजन सेन बताते हैं कि मध्यप्रदेश में मेंगलुरू के पिलिकुला बॉयोलॉजिकल पार्क से किंग कोबरा लाने की मंजूरी मिल गई है। एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यह मंजूरी मिली है जिसमें किंग कोबरा के जोड़े के बदले एमपी कर्नाटक को दो टाइगर यानि बाघ देगा। सेंट्रल जू अथॉरिटी की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश का वन विभाग किंग कोबरा लाने की तैयारी में जुटा है।
कोबरा को भोपाल के वन विहार में रखकर उनकी ब्रीडिंग कराई जाएगी। इसके लिए ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा। इस सेंटर में तैयार होने वाले किंग कोबरा को प्रदेश के जंगलों में छोड़ा जाएगा। किंग कोबरा सांप की सबसे जहरीली प्रजाति है। यह 12 से 18 फीट तक के होते हैं। इसकी उम्र भी अन्य सांपों की अपेक्षा ज्यादा होती है। यह छोटे सांपों को निगल जाता है।