एमपी में अतिथि शिक्षकों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। संचालनालय द्वारा प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए जारी ताजा आदेश में प्रदेशभर के अतिथि शिक्षकों को 30 अप्रेल 2025 तक कार्यरत रहने की बात कही गई है।
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लोक शिक्षण संचालनालय में अपर संचालक कामना आचार्य ने यह आदेश जारी किया है। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर में चल रही स्थानीय और बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने अतिथि शिक्षकों की सेवाएं अभी जारी रखने का निर्णय लिया है।
इससे पहले मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों को हाईकोर्ट ने बड़ी रियायत दी। कोर्ट ने माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए अतिथि शिक्षकों को आवेदन के समय अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करने की अनिवार्यता से छूट दे दी। इससे हजारों अतिथि शिक्षकों को लाभ होगा। अब ऐसे अतिथि शिक्षक भी आवेदन कर सकेंगे, जिनके 3 शैक्षणिक सत्र में 200 दिन का शैक्षणिक अनुभव पूरा नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे उम्मीदवार अपने अनुभव प्रमाण पत्र दस्तावेज सत्यापन के समय जमा कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें: बेटों पर फिदा शिवराज सिंह, शादी के एक-दो नहीं बल्कि कई रिसेप्शन दे रहे केंद्रीय कृषि मंत्री बता दें कि पिछली भर्तियों में अनुभव प्रमाणपत्र काउंसलिंग के समय मांगा जाता था। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल यानि ईएसबी ने इस बार शिक्षक भर्ती में नया प्रावधान लागू कर दिया जिसमें आवेदन के समय ही अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया था। कोर्ट ने इससे राहत दी है।
उधर राज्यभर में अतिथि शिक्षक वेतन के लिए परेशान हो रहे हैं। सेंधवा विकासखंड में अतिथि शिक्षकों को 7 महीने से वेतन नहीं मिला है। बताया गया है कि विकासखंड के कई संकुलों में कार्यरत वर्ग 2 व 3 के अतिथि शिक्षकों को जुलाई 2024 से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। पुनासा में भी 4 माह से अतिथि शिक्षक वेतन के लिए तरस रहे हैं।