गौरतलब है कि भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की ओर से 11 IAS, 2 IPS, 1 IFS, और 1 IRS अधिकारी के प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी। जिसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल के अफसर शामिल हैं।
आरक्षण श्रेणियों के तहत जमा किए गए प्रमाणपत्रों में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत सामने आई थी। यह मामला तब सामने आया जब 16 अगस्त 2024 को एक शिकायतकर्ता की ओर से विस्तृत शिकायत दर्ज की गई। जिसमें आरोप लगाया गया कि कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी या गलत तरीके से आरक्षण का लाभ उठाया है।
क्यों बैठाई गई रवि सिहाग के ऊपर जांच
रवि सिहाग ने जब तीसरी बार यूपीएससी क्लियर किया तो उनके कई फैन पेज बने। फैन पेज के जरिए लोग उसपर मोटिवेशनल रील काटकर वीडियो पोस्ट करने लगे। जब रील्स स्क्रूटनी करने वालों ने रवि के यूपीएससी के पुराने रिजल्ट्स पर गौर किया तो उन्हें एक बात खटकी कि रवि ने साल 2018 और 2019 में दिए यूपीएससी के पहले अटेम्प्ट में किसी भी कोटे से अप्लाई नहीं किया था। तब वह जनरल कैटगरी में थे, उस दौरान उनकी रैंक अच्छी नहीं आई और ना ही आईएएस का पोस्ट मिला। जब उन्होंने तीसरा अटेम्प्ट 2021 में दिया तो उसमें ईडब्ल्यूएस का कोटा लगाया। इस बार रैंक अच्छी आई और कोटा लगने के कारण पोस्ट मिल गई। बताया जाता है कि कुछ तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रवि को शक की निगाहों से देखना शुरु कर दिया। दावा किया गया कि रवि ने लूप होल का इस्तेमाल करके ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाया और यूपीएससी में लगा दिया। एक आरोप यह भी लगा कि जब उन्होंने ने अपना रिजल्ट इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया तो उसमें अपने रिजर्वेशन वाले सेक्शन को जानबूझकर छुपा दिया। रवि के ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को लेकर दावा किया गया कि उनके माता-पिता के पास कई एकड़ जमीन थी। जिसके चलते उनका ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट नहीं बना सका। फिर उन्होंने 2021 वाले अटेम्प्ट से पहले अपनी जमीनें रिश्तेदारों को दान दे दी। ऐसा करने से रवि अब ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए एलिजिबल हो गए। ऐसे तमाम प्रकार के आरोप और दावे रवि कुमार सिहाग को लेकर किए गए हैं।
तीन बार यूपीएससी क्लियर कर चुके हैं रवि सिहाग
साल 2018 में रवि ने अपना पहला यूपीएससी दिया। पहले अटेम्प्ट में ही उन्होंने यूपीएससी क्रैक भी कर लिया, लेकिन रैंक मिली 337 । उनकी नौकरी इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विज में पक्की हो गई। रवि पर आईएएस बनने का जुनून सवार था। तो उन्होंने साल 2019 में दोबारा यूपीएससी का एग्जाम दिया। वह फिर से 2019 यूपीएससी में एग्जाम देते हैं। इस बार रवि को फिर से सफलता मिल जाती है। रैंक आती है 317। उनका सेलेक्शन इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विज में नौकरी के लिए होता है। पर उन्हें तो आईएएस बनना था। साल 2020 में रवि फिर से यूपीएससी दिया। इस बार सफलता नहीं मिली। मेहनत में रवि ने कोई कसर नहीं छोड़ी और साल 2021 में यूपीएससी क्लियर करके ऑल इंडिया में 18वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बन गए। हालांकि, पत्रिका से बातचीत में रवि कुमार सिहाग ने स्पष्ट किया है कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सबको पता चल जाएगा।