इस अहम बैठक में जहां कृषि क्षेत्र में एआई तकनीक के इस्तेमाल पर चर्चा हुई। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान खींचा दिग्गज नेताओं शरद पवार, अजित पवार और जयंत पाटिल की बंद कमरे में हुई खास बैठक ने। बताया जा रहा है कि जब अन्य नेता बैठक से बाहर चले गए, तब ये तीनों नेता रूम में अकेले मौजूद रहे। यह चर्चा अब राजनीतिक गलियारों में जोरों पर हो रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गुप्त चर्चा के पीछे स्थानीय निकाय चुनावों से पहले रणनीतिक एकता की संभावनाएं हो सकती हैं। पिछले साल नवंबर में हुई विधानसभा चुनावों में अजित पवार के गुट को अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन मिला था, जबकि शरद पवार का गुट पिछड़ गया था। ऐसे में आगामी चुनावों से पहले दोबारा एकजुट होकर राजनीतिक ताकत बढ़ाने की योजना बन सकती है।
हालांकि बंद कमरे में क्या चर्चा हुई, इस बारे में आधिकारिक तौर पर किसी ने कुछ नहीं कहा है। लेकिन बैठक के समय और नेताओं की खामोशी ने अटकलों को जन्म दे दिया है। हालांकि, आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनसीपी के दोनों गुट वास्तव में एक हो जाएंगे या यह सिर्फ चर्चा तक ही सीमित रह जाएगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में फूट के बाद जहां अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी बीजेपी नीत महायुति सरकार का हिस्सा है, वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी (एसपी) कांग्रेस नीत महाविकास आघाडी (MVA) के साथ विपक्ष में बैठी है।