सरकार वाहनों की रेट्रोफिटिंग लागत की 15 फीसदी तक इंसेंटिव देगी। ईवी में यह बदलाव ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलोजी द्वारा प्रमाणित तकनीक के साथ ही कराना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को एक साल तक राज्य टोल टैक्स पर भी 50 फीसदी छूट दी जाएगी। सभी ईवी वाहनों को व्हीकल टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क से भी छूट दी जाएगी।
प्रावधान ईवी पॉलिसी के ड्राफ्ट में किए गए हैं। नगरीय विकास विभाग ने ड्राफ्ट जारी कर सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। इसे एक महीने में लागू करने की तैयारी है। पॉलिसी पांच वर्ष के लिए होगी। सरकार ईवी को बढ़ावा देने इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन करेगी। संबंधित विभागों के अधिकारी होंगे। कॉर्पोरेट्स को अपने कर्मचारियों के फीडर परिवहन के लिए ईवी के स्वामित्व और संचालन की अनुमति दी जाएगी।
इंसेंटिव इस तरह
ई-टू व्हीलर: रेट्रोफिटिंग लागत का 15 फीसदी (करों सहित) या 5,000 रुपए (जो भी कम हो), पहले 2000 वाहनों को। ई-थ्री व्हीलर: 3,000 वाहनों के लिए रेट्रोफिटिंग लागत का 15 फीसदी या 10,000 तक (जो भी कम हो) ई-फोर व्हीलर: 2,000 वाहनों के लिए रेट्रोफिटिंग लागत का 15फीसदी या 25,000 तक (जो भी कम हो) यह प्रोत्साहन वन विभाग के वाहनों को दिया जाएगा। ई-बस: पहले 100 वाहनों को 2.5 लाख तक का इंसेंटिव।