बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) सांस लेने की समस्या पैदा कर सकता है। यह वायरस(HMPV Virus Alert) विशेष रूप से 14 साल से छोटे बच्चों, कमजोर इम्यूनिटी वालों और वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है। 21 साल पहले साल 2001 में यह वायरस नीदरलैंड में डिस्कवर हुआ। यह संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या संक्रमित चीजों को छूने से फैलता है, यानी ठीक उसी तरह जिस तरह कोरोना फैलता है। इसकी जांच भी आरटीपीसीआर तकनीक से होती है। यह जांच एम्स भोपाल में करा सकते हैं।फ्लू वायरस की तरह HMPV
ठंड में जितने सामान्य फ्लू के मामले आते हैं, उनके करीब एक फीसदी मामले इस वायरस के होते हैं। यह वायरस(HMPV Virus Alert) भी फ्लू के वायरस की तरह हमेशा मौजूद रहता है। जो ठंड में ज्यादा एक्टिव हो जाता है। मरीज बिना लापरवाही किए समय से इलाज कराएं तो चार से पांच दिन में ठीक हो जाते हैं। हालांकि जिनको सीपीओडी, टीबी रोग, कोई गंभीर रोग या फेफड़े से संबंधित समस्या रही हो तो वे ज्यादा सावधानी रखें।राजेंद्र शुक्ला ने जारी किए निर्देश
मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने अधिकारीयों को HMPV वायरस की स्थिति को देखते हुए कई निर्देश जारी किए है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में प्री-प्रोटेक्शन से संबंधित प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही प्रदेश में वायरस(HMPV Virus Alert) की स्थिति पर निगरानी रखने के आदेश दिए।ये सावधानी बरतें
● मरीज को पर्याप्त पानी पिलाना चाहिए ताकि वह हाइड्रेटेड रहे।● मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए ताकि उसका शरीर वायरस से लड़ने में सक्षम हो।
● दर्द और श्वसन समस्याओं के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
● गंभीर मामलों में, मरीज को ऑक्सीजन समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।