जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि आर्थिक हालात इतने बुरे हो गए हैं कि कर्मचारियों के वेतन भत्तों के लिए राज्य सरकार अपनी संपत्तियां बेचने में लगी है। उन्होंने कहा कि अलग अलग विभागों के 36 सेगमेंट के कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है। इन सेगमेंट के कर्मचारियों को समय पर सेलरी नहीं मिल रही है।
प्रदेशवासियों, मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति दिवालिएपन की ओर है। मध्यप्रदेश सरकार के हालात ऐसे हो गए हैं जब तक भारत सरकार गारंटी नहीं देती है तब तब इनको कोई कर्ज नहीं देता है। अभी 6 हजार करोड़ का कर्ज लिया है, इसके लिए इतने गिड़गिड़ाए, इतने गिड़गिड़ाए…नाक रगड़कर कर्ज लिया… आर्थिक हालात ऐसे हैं अलग अलग विभागों के कर्मचारियों के 36 सेगमेंट, उनकी समय पर सेलरी नहीं मिली, अलग अलग 36 सेगमेंट की सेलरी टाइम पर नहीं मिल रही है
राज्यभर की सरकारी संपत्तियों को बेचकर राशि जुटाई जा रही है, कौड़ी के दाम संपत्तियां बेची जा रहीं हैं… प्रदेश के 40 प्रतिशत वन बेचने की तैयारी चल रही है, इसके लिए पूरा डिपार्टमेंट लगा है कि क्या बिक जाए…टूरिज्म विभाग, वन विभाग, बिजली विभाग, नजूल की जमीनों, मंदिरों की जमीनों पर सरकार की नजर है।