कैबिनेट बैठक में लगी मुहर
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों पर जानकारी देते हुए बताया कि इसके बाद नई भर्ती के दरवाजे भी खुल जाएंगे। आरक्षित वर्ग के प्रतिशत को भी इसमें ध्यान में रखा गया है। प्रमोशन में किसी प्रकार की विधिक तकलीफ नहीं आएगी, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है।
वरिष्ठता का रखा गया ध्यान
आगे मंत्री ने बताया कि अग्रिम डीपीसी के प्रावधान किए गए हैं। वरिष्ठता का ध्यान रखा गया है। पदोन्नति में कार्यदक्षता को प्रोत्साहित किया जाएगा। किन परिस्थितियों में लोकसेवक अपात्र होगा, इसे भी स्पष्ट किया गया है। निर्णय के पुनर्विलोकन के लिए रिव्यू डीपीसी की व्यवस्था भी की गई है। पदोन्नति समिति को शासकीय सेवक की उपयोगिता निर्धारण करने का अधिकार दिया गया है। दरअसल, नौ साल पहले 2016 में सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रुका हुआ था। जिसके कारण आरक्षण में प्रमोशन को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। राज्य सरकार ने कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। जिसके कारण प्रमोशन नहीं हो पा रहा था।
सीएम डॉ मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आज कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों के 9 वर्ष से लंबित पदोन्नति के मामले का निराकरण किया। इसमें SC-ST सहित सभी वर्ग के कर्मचारियों-अधिकारियों के हितों का ध्यान रखा गया है। इसके माध्यम से पदोन्नति के बाद शासकीय सेवाओं में 2 लाख पद रिक्त होंगे और इन पर नये सिरे से भर्ती की संभावना बनेगी।
इन फैसलों पर कैबिनेट बैठक में लगी मुहर
मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना अंतर्गत विशेष जनजाति क्षेत्रों में PM-JANMAN कार्यक्रम के लिए 459 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसमें 459 आंगनवाडी केन्द्रों के संचालन के लिए सहायिका और कार्यकर्ता के लिए 459 पद भरे जाएंगे। वहीं, पर्यवेक्षक के 26 पदों को स्वीकृति दी गई है। पांढ़ुर्णा, मैहर और मउगंज जिलों में जिला कोषालय की स्थापना का अनुमोदन किया गया।