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भोपाल

एमपी में मानसूनी बारिश शुरू, 29 जिलों में यलो अलर्ट जारी, जानें 10 साल में कहां कितनी बारिश हुई

Monsoon Rain Start in MP : एमपी के सभी 55 जिलों में मानसून पहुंच चुका है। इसी के साथ पूरे राज्य में आंधी-बारिश का दौर भी शुरू हो गया है। देखें मध्य प्रदेश में मानसून के आगमन पर खास रिपोर्ट..।

भोपालJun 19, 2025 / 04:37 pm

Faiz

Monsoon rain Start in MP

एमपी में मानसूनी बारिश शुरू (Photo Source- Patrika)

Monsoon Rain Start in MP : मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में मानसून पहुंच चुका है। इसी के साथ पूरे राज्य में आंधी-बारिश का दौर भी शुरू हो गया है। इसी के चलते गुरुवार की सुबह भोपाल में पहली मानसूनी बूंदाबांदी हुई, जबकि आज पूरे दिन से जिलेभर में बादल छाए हैं। वहीं, अशोकनगर, मुरैना और रतलाम समेत आसपास के इलाकों में सुबह 5 बजे से झमाझम बारिश का दौर जारी है।
मौसम विभाग की मानें तो आज यानी गुरुवार की दोपहर से सूबे के नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, श्योपुर, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर में मध्यम बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, खरगोन, उज्जैन, शाजापुर, देवास, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, आगर-मालवा और विदिशा में हल्की बारिश होने की संभावना है। जबकि, रायसेन, नर्मदापुरम, सागर, ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और सतना में अच्छी बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।

आज ढाई से 8 इंच तक बारिश की संभावना

मौसम विभाग से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, एमपी में एक साथ दो लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) और तीन साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम एक्टिव हैं। ऐसे में अगले 4 दिन प्रदेश के अधिकतर जिलों में तेज बारिश होगी तो कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश हो सकती है। यानी, 24 घंटे के दौरान ढाई से 8 इंच तक बारिश होने की संभावना है।

कई जिलों में बारिश का दौर, तेजी से लुढ़का प्रदेश का पारा

प्रदेश के अधिकतर जिलों में बुधवार से ही मानसून की दस्तक के साथ आंधी-बारिश का दौर देखने को मिला। मंदसौर, रतलाम, बड़वानी में तेज बारिश हुई, जिसके बाद स्थानीय लोगों को यहां पड़ रही भीषण गर्मी से राहत मिली। वहीं, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन में भी देर रात से बारिश का दौर शुरु हुआ। सुबह होते-होते सिर्फ एमपी का भिंड जिला बाकी रह गया था, लेकिन हालही में अपडेट सामने आया है कि, भिंड में भी मानसून ने दसतक दे दी है। आंधी-बारिश के चलते फिलहाल, प्रदेशभर में दिन के तापमान में खासा गिरावट दर्ज की गई है।

टीकमगढ़ सबसे गर्म, औसत 2 डिग्री गिरा तापमान

प्रदेश में औसत 2 डिग्री पारा लुढ़का है। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, बाकी शहरों में अधिकतम तापमान टीकमगढ़ से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 33 डिग्री, इंदौर में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 35.5 डिग्री, उज्जैन में 31.7 डिग्री और जबलपुर में 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ग्वालियर में 35.5 डिग्री, उज्जैन में 31.7 डिग्री और जबलपुर में 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

सिर्फ 3 दिन में मानसून ने कवर किया एमपी

मध्य प्रदेश में इस बार औसत से पहले आए मानसून ने इस बार 16 जून को दस्तक दी थी और महज तन दिनों के भीतर मानसून ने पूरे राज्य को कवर कर लिया है। इसी के चलते आज से राजधानी भोपाल समेत लगभघ सभी जिलों का मौसम खुशनुमा बना हुआ है। खास बात ये भी है कि, इस बार मानसून ने पूरे राज्य में सिर्फ तीन दिनों में पांव पसार लिए हैं। आइये जानते हैं, बीते तीन दिनों में मानसून ने किन-किन जिलों में दस्तक दी है।

-16 जून: पहला दिन

इस दिन मानसून ने सबसे पहले प्रदेश में दस्तक दी है। इसकी शुरुआत बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते प्रदेशभर में हुई है।

-17 जून: दूसरा दिन

अगले दिन मानसून थोड़ी गति बढ़ाते हुए इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, देवास, हरदा, खंडवा, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में पहुंचा।

-18 जून: तीसरा दिन

बुधवार को मानसून की रफ्तार का अलग ही नजारा देखने को मिला। क्योंकि, इस दिन मानसून ने आधी रात तक 36 जिलों में दस्तक दी। यानी बीते दो दिनों में जितने जिले मानसून ने कवर किए, उससे कई गुना ज्यादा जिलों में सिर्फ एक दिन में मानसून ने दस्तक दी है। इनमें सबसे पहले भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, आगर-मालवा, सागर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर, निवाड़ी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, कटनी, मैहर, नरसिंहपुर, मुरैना, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया और भिंड शामिल हैं।
आइये जानें बीते 10 साल में कैसा रहा एमपी के बड़े शहरों का मौसम…

भोपाल में 15 जून तक तेज गर्मी

राजधानी में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही ट्रेंड है। पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा। 4 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। वहीं, रात का तापमान भी 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी। वहीं, पिछले साल 2024 में पूरे महीने 10.9 इंच पानी गिरा था। 10 साल में दूसरी बार इतनी बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में करीब 5 इंच बारिश हुई थी।

इंदौर में पिछले साल 4 इंच बारिश हुई

बीते 10 वर्षों के मौलम पर गौर करें तो जिले में जून के महीने में दिन का तापमान में खासा गिरावट होती है। पिछले 5 साल यानी- 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा। पिछले साल 40.6 डिग्री तक तापमान बढ़ा था। इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल इस अवधि में करीब 4 इंच बारिश हुई थी।
वहीं, बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड पर गौर करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था। 3 जून 1991 में इंदौर में दिन का पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 12 जून 1958 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।

ग्वालियर में गर्मी खुद तोड़ती है अपने रिकॉर्ड

ग्वालियर में मई के बाद जून के महीने में भी धूंप के तीखे तेवर देखने को मिलते हैं। 10 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2019 में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 2024 में पारा 45.7 डिग्री दर्ज किया गया था। इस महीने अमूमन तापमान 45 से 46 डिग्री ही रहता है।
मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून 2019 में पारा 47.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। वहीं,1962 में पूरे महीने साढ़े 28 इंच बारिश हो गई थी।एक दिन में सर्वाधिक साढ़े 7 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 जून 1952 को बना था। साल 2024 में यहां पूरे महीने 5.7 इंच पानी गिरा था।

जबलपुर में अच्छी बारिश के 10 साल

मानसून की एंट्री के साथ जबलपुर में अच्छी बारिश होती है। यहीं से मानसून की एंट्री होती है, इसलिए अन्य जिलों की तुलना में जबलपुर में अच्छा पानी गिरता है। साल 2015 से 2024 तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो कोटे की 30 फीसदी तक बारिश हो चुकी है। पिछले साल साढ़े 7 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार भी जबलपुर संभाग के दक्षिण हिस्से से ही मानसून एंटर हो सकता है। विभाग के अनुसार, जिले में 1998 में एक महीने में करीब 30 इंच बारिश दर्ज की गई थी। ये ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 16 जून 1882 में 24 घंटे में साढ़े 7 इंच बारिश हुई थी। पिछले साल भी पूरे महीने में करीब 8 इंच पानी गिरा था।
यह भी पढ़ें- बिना बारिश के मानसून की एंट्री, 4 दिन भारी बारिश का अलर्ट

उज्जैन में भी अच्छी बारिश का ट्रेंड

जून महीने में उज्जैन में भी अच्छी बारिश होने का ट्रेंड है। 2015 से 2024 के बीच उज्जैन में 2.5 से 8 इंच तक बारिश हो चुकी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। उज्जैन में बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1970 में पूरे महीने साढ़े 13 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 15 जून 2001 को बना था। इस दिन करीब साढ़े 6 इंच बारिश हुई थी। साल 2024 में पूरे महीने साढ़े 5 इंच पानी गिरा था।

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